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जब स्‍वामी विवेकानंद ने अपने गुरु से पूछा था, ‘क्‍या आपने ईश्‍वर को देखा है’?

जब स्‍वामी विवेकानंद ने अपने गुरु से पूछा था, ‘क्‍या आपने ईश्‍वर को देखा है’? - swami vivekanand
(जब स्‍वामी विवेकानंद ने अपने गुरु से पूछा था, ‘क्‍या आपने ईश्‍वर को देखा है’?)
 
भारत के आध्‍यात्‍मिक गुरु स्‍वामी विवेकानंद के बारे में यूं तो उनका पूरा जीवन ही जानने और समझने लायक है, लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं, जिन्‍हें जानना बहुत दिलचस्‍प होगा। स्‍वामी जी के जीवन से जुड़ी 10 खास बातों में से आज हम आपको बताएंगे वो बातें जो उनके आध्‍यात्‍मिक जीवन में बेहद महत्‍वपूर्ण हैं। जानकार हैरानी होगी कि स्‍वामी जी ने बहुत पहले ही अपनी मृत्‍यु के बारे में भविष्‍यवाणी कर दी थी। इसके साथ ही उन्‍होंने ईश्‍वर की खोज को लेकर अपने गुरु से ही सवाल पूछ लिया था, जानते हैं उनके गुरु ने उन्‍हें क्‍या जवाब दिया था।

1. स्‍वामी विवेकानंद का जन्‍म कलकत्ता के कायस्‍थ परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके पिता विश्‍वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे, मां भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली महिला थीं।

2. नरेंद्रनाथ 1871 में आठ साल की उम्र में स्कूल गए। 1879 में उन्‍होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में पहला स्‍थान प्राप्‍त किया।

3. वे 25 साल की उम्र में घर छोड़कर सन्यासी बन गए थे। संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद पड़ा।

4. रामकृष्‍ण परमहंस और स्‍वामी विवेकानंद की मुलाकात 1881 कलकत्ता के दक्षिणेश्वर के काली मंदिर में हुई थी। परमहंस ने उन्हें शिक्षा दी कि सेवा कभी दान नहीं, बल्कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना होनी चाहिए।

5. विवेकानंद जब रामकृष्‍ण परमहंस से मिले तो उन्होंने वही सवाल किया जो वो औरों से कर चुके थे, 'क्या आपने भगवान को देखा है?' रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया- 'हां मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख रहा हूं जितना कि तुम्हें देख सकता हूं। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर सकता हूं।'

6.अमेरिका में हुई धर्म संसद में जब स्‍वामी विवेकानंद ने 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' के संबोधन से भाषण शुरू किया तो पूरे दो मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में तालियां बजती रहीं। 11 सितंबर 1893 का वो दिन हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया।

7. स्‍वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी।  

8. 12 जनवरी को भारत में हर साल राष्‍ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1985 से हुई थी। इसी दिन स्‍वामी विवेकानंद का जन्‍म हुआ था।  

9. स्वामी जी को दमा और शुगर की बीमारी थी। इसे लेकर उन्‍होंने कहा था, 'ये बीमारियां मुझे 40 साल की उम्र भी पार नहीं करने देंगी' अपनी मृत्‍यु के बारे में उनकी यह भविष्‍यवाणी सच साबित हुई। उन्‍होंने 39 बरस की उम्र में 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्‍ण मठ में ध्‍यानमग्‍न अवस्‍था में महासमाधि धारण कर प्राण त्‍याग दिए थे।

10. स्वामी विवेकानंद का अंतिम संस्‍कार बेलूर में गंगा तट पर किया गया। इसी गंगा तट के दूसरी तरफ उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का अंतिम संस्कार हुआ था।
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