शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. व्यापार
  3. शेयर बाजार
  4. Share market in first quarter of 2022
Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022 (15:10 IST)

कोरोना से युद्ध तक सब कुछ झेल गया शेयर बाजार, जानिए निवेशकों के लिए कैसे रहे 2022 के पहले 3 माह?

कोरोना से युद्ध तक सब कुछ झेल गया शेयर बाजार, जानिए निवेशकों के लिए कैसे रहे 2022 के पहले 3 माह? - Share market in first quarter of 2022
कोरोना वायरस, रूस यूक्रेन वॉर, महंगाई, एनएसई से जुड़े विवाद के बाद भी शेयर बाजार पर पड़े दबाव के बाद भी सेंसेक्स और निफ्टी पहले र्क्वाटर के अंत में बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं। हालांकि दिसंबर की तुलना में दोनों ही इंडेक्स लाल निशान में हैं। लगातार बढ़ते पेट्रोल डीजल के दाम अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। कोरोना पांबदियों के हटने से कई सेक्टर्स में तेजी की उम्मीद जगाई है तो अप्रैल में महंगाई बढ़ने का खतरा भी नजर आ रहा है।
 
3 जनवरी को BSE सेंसेक्स 59183 अंक पर था। 17 जनवरी को यह बढ़कर 61319 अंकों पर पहुंच गया जो 2022 में इसका सर्वोच्च स्तर था। रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से सेंसेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई और 7 मार्च को यह गिरकर 52843 अंक तक पहुंच गया। हालांकि मात्र 14 दिन में इसने तेजी से रिकवरी की और 31 मार्च को यह 58569 पर पहुंच गया।
 
इसी तरह NSE का निफ्टी भी 3 जनवरी को 17626 अंक पर था। बाजार में निवेशकों की लेवाली के चलते 17 जनवरी को यह 18308 को पर पहुंच गया। सेंसेक्स की तरह ही निफ्टी में भी 2 मार्च के बाद गिरावट का दौर दिखाई दिया। 7 मार्च तक यह गिरकर 15863 अंकों आ गया। हालांकि बाजार ने फिर रफ्तार पकड़ी और 31 मार्च को यह 17465 पर पहुंच गया।
 
शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने बताया कि 2022 के पहले क्वार्टर में रूस यूक्रेन वार, जीडीपी, तेल की कीमतों में वृद्धि आदि कारणों से FII भारतीय शेयर बाजारों में जमकर बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस र्क्वाटर में निवेशकों को सबसे ज्यादा उम्मीदें पेटीएम से थी। बाजार में इसकी लिस्टिंग 2200 रुपए पर हुई थी लेकिन इसकी वैल्यू मात्र 500 रुपए ही रह गई।
 
बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, हिंडाल्को, टाटा स्टील, वेदांता आदि कंपनियों को एल्यूमीनियम निकल की शार्टेज का फायदा मिला। आईनॉक्स और पीवीआर जैसी कंपनियों को कोरोना में ढील के चलते फायदा हुआ। आईटी सेक्टर सामान्य रहा जबकि डिफेंस सेक्टर में तेजी आई। फार्मा, बैंकिंग सेक्टर के शेयर नहीं चले। आइल कंपनियों को इस क्वार्टर में घाटा हुआ।
 
आने वाले 3 माह आरबीआई की मौद्रिक नीतियों पर निर्भर करेंगे। महंगाई चरम पर है। सरकार अप्रैल में जीएसटी घटाती है तो महंगाई कंट्रोल होगी और इसका फायदा अर्थव्यवस्था के साथ शेयर बाजार को भी मिलेगा।
 
निफ्टी में फायदे का सौदा रहे ये 5 शेयर : कोल इंडिया के शेयरों में 25.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हिंडाल्कों ने निवेशकों को 19.76 फीसदी फायदा हुआ। वेदांता का शेयर 31 दिसंबर को 341 रुपए था 31 मार्च को यह 18.22 फीसदी बढ़कर 403 रुपए पर पहुंच गया। इसी तरह गेल इंडिया और टाटा स्टील के शेयरों में क्रमश: 20.47 और 17.61 प्रतिशत की तेजी दिखाई दी।
 
इन शेयरों से निवेशकों को भारी नुकसान : इन शेयरों से निवेशकों को भारी नुकसान : इंडिया बुल्स हाउसिंग में निवेशकों को 27.52 फीसदी का घाटा हुआ। 31 दिसंबर का इसका शेयर 218 रुपए पर था 31 मार्च को इसकी कीमत 158 रुपए ही रह गई। विप्रो, टेक महिंद्रा जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों में भी क्रमश: 17.29 और 16.28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अल्ट्राटेक सीमेट में निवेशकों को 13.02 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा तो हिंदुस्तान यूनिलीवर को 12.93 फीसदी का घाटा हुआ।
 
चित्रा रामकृष्‍ण पर क्यों मचा बवाल? : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर चित्रा रामकृष्ण को NSE को-लोकेशन मामले में CBI ने 6 मार्च को गिरफ्तार किया। इससे पहले 24 फरवरी को NSE के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आंनद सुब्रमण्यन को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान CBI के वकील ने दावा किया कि सुब्रमण्यन ने खुद को हिमालय के योगी के रूप में पेश करके चित्रा रामकृष्ण को अपने प्रभाव में ले लिया था।
 
सेबी की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि चित्रा रामकृष्ण सालों तक एक रहस्यमयी योगी के इशारे पर एक्सचेंज को चलाती रहीं। इसके बाद हुई फॉरेंसिक ऑडिट में आनंद सुब्रमण्यण को ही रहस्यमयी योगी बताया गया था। हालांकि सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इस दावे को खारिज कर दिया था। चित्रा 2013 में NSE की सीईओ बनी थीं। उन्होंने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था।
ये भी पढ़ें
हवाई यात्रा होगी महंगी, एयर टरबाइन फ्यूल के दाम 2 फीसदी बढ़े