ज्यूरिख/नई दिल्ली: विश्व फुटबाल की संचालन संस्था फीफा के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के फैसले को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रशंसकों की जीत करार दिया।
फीफा ने एआईएफएफ पर 11 दिन पहले तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव के कारण लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है जिससे भारत को इस साल अक्टूबर में महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी की मंजूरी भी मिल गई है।
ठाकुर के मंत्रालय ने फीफा और उच्चतम न्यायालय के बीच समन्वय बिठाकर प्रतिबंध को हटाने में अहम भूमिका निभाई। उच्चतम न्यायालय ने प्रशासकों की समिति (सीओए) का कार्यकाल समाप्त कर दिया था जो कि प्रतिबंध हटाने की पहली शर्त थी।
ठाकुर ने ट्वीट किया, यह बात साझा करते हुए मैं प्रसन्न हूं कि फीफा परिषद के ब्यूरो ने एआईएफएफ पर लगाया गया प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 से 30 अक्टूबर तक भारत में होगा। यह फुटबॉल प्रशंसकों की जीत है।
फीफा ने 15 अगस्त को भारत पर प्रतिबंध लगाया था और स्पष्ट किया था कि इसका मतलब भारत अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी नहीं कर सकता है। लेकिन अब भारत का इस प्रतियोगिता की मेजबानी करने का रास्ता साफ हो गया है।
एआईएफएफ के चुनाव अब दो सितंबर को होंगे जिसमें दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भुटिया और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने हैं।
एआईएफएफ को 85 साल के उसके इतिहास में पहली बार प्रतिबंधित किया गया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तीन सदस्य प्रशासकों की समिति (सीओए) को बर्खास्त कर दिया था जिससे प्रतिबंध हटाने का रास्ता साफ हो गया था।
सीओए की नियुक्ति मई में की गई थी ताकि भारत 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप का सुचारू रूप से मेजबानी कर सके।
फीफा ने बयान में कहा, फीफा परिषद के ब्यूरो ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) तीसरे पक्ष के प्रभाव के कारण लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है।
इसमें कहा गया है, फीफा के यह पुष्टि प्राप्त करने के बाद कि एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए स्थापित की गई प्रशासकों की समिति को भंग कर दिया गया है, यह फैसला किया गया।
फीफा ने कहा, इसके परिणाम स्वरूप फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 से 30 अक्टूबर 2022 के बीच भारत में ही खेला जाएगा।
विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था ने कहा कि वह और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) स्थिति पर निगरानी जारी रखेंगे और सही समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ की मदद करेंगे।
एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धर ने इस फैसले का स्वागत किया तथा फीफा, एएफसी और ठाकुर का उनकी भूमिकाओं के लिए आभार व्यक्त किया।
धर ने कहा, भारतीय फुटबॉल का सबसे काला समय आखिरकार खत्म हो गया है। एआईएफएफ पर 15 अगस्त की मध्यरात्रि को जो निलंबन लगाया गया था, उसे फीफा ने हटा दिया है।
उन्होंने कहा, हम इस तरह के मुश्किल समय में हमारा मार्गदर्शन करने के लिए फीफा और एएफसी, विशेष रूप से एएफसी के महासचिव दातुक सेरी विंडसर जॉन का आभार व्यक्त करते हैं। हम युवा मामले और खेल मंत्रालय और माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का इस मुश्किल समय में हमारे साथ मजबूती से खड़े होने के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
धर ने मंगलवार को फीफा महासचिव फातमा समोरा से एआईएफएफ को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।
(भाषा)