Surya Grahan 2025: साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, 2025, रविवार को लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 21 सितंबर को रात्रि करीब 11 बजे से प्रारंभ होकर और तड़के 3 बजकर 23 बजे तक रहेगा। तक रहेगा। इस ग्रहण के समय में क्षेत्रवार के अनुसार अंतर रह सकता है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि, ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के प्रभाव सूक्ष्म रूप से पड़ते हैं, इसलिए कुछ विशेष उपाय करना शुभ माना जाता है।
ALSO READ: Shradh Paksha 2025: सर्वपितृ आमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का योग, जानिए कब करें श्राद्ध कर्म
सूर्य ग्रहण के दौरान किए जाने वाले प्रमुख उपाय: मान्यता है कि ग्रहण के समय की गई पूजा-पाठ और उपाय जीवन की समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं।
इस दिन आप अपनी राशि के अनुसार या अपनी समस्याओं के निवारण के लिए ये उपाय कर सकते हैं:
1. मंत्र जाप और ध्यान: ग्रहण काल में मंत्रों का जाप करना सबसे प्रभावी माना जाता है। आप अपनी समस्या के अनुसार किसी भी देवी-देवता के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- आर्थिक समस्या के लिए: 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें।
- स्वास्थ्य के लिए: 'ॐ सूर्याय नमः' या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
2. दान-पुण्य: ग्रहण के बाद दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन आप अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें।
- गरीबों को भोजन: ग्रहण के बाद किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराना बहुत पुण्य देता है।
- अनाज और कपड़े: गेहूं, चावल, दाल या कंबल जैसे कपड़े दान करने से भी समस्याओं का समाधान होता है।
- गाय को चारा: गाय को चारा खिलाने से भी लाभ होता है।
3. तुलसी का महत्व: ग्रहण से पहले तुलसी के पत्तों को पानी में या खाद्य पदार्थों में डाल दें। इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव दूर होता है।
4. गंगाजल का छिड़काव: ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
ग्रहण काल में इन बातों का रखें ध्यान:
• ग्रहण के दौरान किसी भी शुभ या नए कार्य की शुरुआत न करें।
• खाना पकाने या खाने से बचें।
• ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।
यह उपाय केवल ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं। इन्हें सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ALSO READ: Solar Eclipse 2025: सूर्य ग्रहण के दौरान क्या श्राद्ध तर्पण कर सकते हैं या नहीं?