• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Significance of Bilva Tree
Written By

श्रावण मास में जानिए क्या है बेलपत्र की कहानी और साथ में बिल्ववृक्ष का महत्व...

श्रावण मास में जानिए क्या है बेलपत्र की कहानी और साथ में बिल्ववृक्ष का महत्व... - Significance of Bilva Tree
ॐ नमः शिवाय !
श्रावण मास के सावन सोमवार में भगवान शिव की आराधना करते समय उनपर बेलपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया। चुंकि माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ, इसलिए इस पेड़ में माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं। जैसे-
 
माता पार्वती
पेड़ की जड़ में गिरिजा के स्वरूप में
इसके तनों में माहेश्वरी के स्वरूप में
शाखाओं में दक्षिणायनी स्वरूप में
पत्तियों में पार्वती के रूप में रहती हैं
फूलों में गौरी स्वरूप में
फलों में कात्यायनी रूप में निवास करती हैं
एवं मां लक्ष्मी का रूप समस्त वृक्ष में निवास करता है। 
 
बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण इसे भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है। मान्यतानुसार जो व्यक्ति किसी तीर्थस्थान पर नहीं जा सकता है अगर वह श्रावण मास में बिल्व के पेड़ के मूल भाग की पूजा करके उसमें जल अर्पित करें तो उसे सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिलता है और भगवान शिव की कृपा दृष्टि प्राप्त होती हैं। 
 
आइए जानें बेल वृक्ष का महत्व- 
 
1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते।
 
2. अगर किसी की शवयात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है।
 
3. बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते हैं।
 
4. 4, 5, 6 या 7 पत्तों वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है।
 
5. सुबह-शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है।
 
6.बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।
 
7. वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है।
 
8. बेल वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
 
9. बेलपत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे।
 
10. जीवन में सिर्फ 1 बार और वह भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते हैं।
 
11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संरक्षण, संवर्द्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का लाभ अवश्य मिलता है।
प्रस्तुति : अनुभूति निगम 
ये भी पढ़ें
मंदिर में प्रवेश से पहले क्यों बजाई जाती है घंटी, आते समय भूलकर भी न बजाएं घंटी, जानिए नियम