डाली बाई की जाल : डाली बाई की जाल अर्थात वह पेड़ जिसके नीचे रामदेवजी को डाली बाई मिली थी। यह स्थल मंदिर से 3 किलोमीटर दूर NH15 पर स्थित है। कहते हैं कि रामदेवजी जब छोटे थे तब उन्हें उस पेड़ के नीचे एक नवजात शिशु मिला था। बाबा ने उसको 'डाली बाई' नाम देते हुए अपनी मुंहबोली बहन बना दिया।
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