जब हम कोई स्वप्न देखते हैं तो जरूरी नहीं कि प्रत्येक सपने का अच्छा या बुरा फल होता है। अधिकतर सपने हमें हमारी दिनचर्या में किए गए कार्य से प्राप्त होते हैं। कार्य का अर्थ हमने जो देखा, सुन, समझा, इच्छा किया और भोगा वह हमारे चित्त में विराजित होकर रात में स्वप्नों के रूप में दिखाई देता है। यह सब बदले स्वरूप में इसलिए भी होते हैं क्योंकि वे हमारे शरीर में स्थित भोजन और पानी की स्थिति और अवस्था से भी संचालित होते हैं। निम्नलिखिथ बातों से आप समझ सकते हैं।
इन कारणों से दिखाई देते हैं स्वपन्न :-
* दृष्ट- जो जाग्रत अवस्था में देखा गया हो उसे स्वप्न में देखना।
* श्रुत- सोने से पूर्व सुनी गई बातों को स्वप्न में देखना।
* अनुभूत- जो जागते हुए अनुभव किया हो उसे देखना।
* प्रार्थित- जाग्रत अवस्था में की गई प्रार्थना की इच्छा को स्वप्न में देखना।
* दोषजन्य- वात, पित्त आदि दूषित होने से स्वप्न देखना।
* भाविक- जो भविष्य में घटित होना है, उसे देखना।
अदि आप अपने सपने से डरे हुए हैं तो ये करें :-
* सोमवार का स्वप्न हो- चावल, चीनी, श्वेत पुष्प, नारियल, दान कर दें।
* मंगलवार का स्वप्न हो- लाल मसूर, नारियल, गुड़, गुलाबी फूल, तांबा दान कर दें।
* बुधवार का स्वप्न हो- साबुत मूंग, चांदी, हरे पत्ते, सब्जी दान कर दें।
* वीरवार (गुरुवार) का स्वप्न हो- चने की दाल, पीले पुष्प, हल्दी, गुड़, नारियल दान कर दें।
* शुक्रवार का स्वप्न हो- श्वेत पुष्प, चावल, मिश्री, नारियल, धूप दान कर दें।
* शनिवार का स्वप्न हो- नीले पुष्प, लोहा, तेल, छाया, नारियल दान कर दें।
* रविवार का स्वप्न हो- दलिया, गुड़, नारियल, लाल पुष्प दान कर दें।
बुरे सपने देखें तो मात्र पांच उपाय करें :-
* प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दें।
* शनि मंदिर में जाकर पांच शनिवार छाया दान कर दें।
* अपने सिर के आसपास से 7 बार एक पानीदार नारियल वार कर उसे किसी देवस्थान पर जला दें।
* मंदिर में सीदा दान कर दें।
* काल और सफेद कंबल अपने उपर से 21 बार वार कर उसे किसी गरीब को दान कर दें।