• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. आलेख
  4. baldness treatment
Written By
Last Modified: शनिवार, 22 जुलाई 2017 (13:59 IST)

अथर्ववेद में है गंजेपन का सटीक इलाज

अथर्ववेद में है गंजेपन का सटीक इलाज | baldness treatment
यदि डेंड्रफ, फंगस या किसी फफूंद के कारण आपके बाल झड़ गए हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं। अर्थववेद की चरक संहिता में से निकालकर आपके लिए हम लाए हैं गंजेपन का सबसे आसान और सबसे सटीक इलाज जिसे विज्ञान भी मानता है।
 
अथर्ववेद के इस इलाज को आजकल जोंक थैरेपी कहा जाता है।  इसे विज्ञान की भाषा में लीच थैरेपी कहा जाता है। यह थैरेपी गंजेपन में सबसे कारगर सिद्ध हुई है। गंजेपन के लिए इस इलाज का इस्तेमाल करीब 2,000 से भी ज्यादा सालों से जारी है। 

वीडियो देखने के लिए क्लिक करें...
इस थैरेपी में जोंक को आपके सिर पर डाल देते हैं। सिर का जो भी दूषित खून होता है उसे जोंक चूस लेती है। सिर में फफूंद या फंगस हो जाती है जिसके कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और बालों की जड़ें कमजोर होकर बाल झड़ने लगते हैं। जोंक इस फंगस को खा जाती है और सिर पूरी तरह से साफ होकर फफूंद मुक्त हो जाता है। 
 
इससे सिर में रक्तशोधन होकर रक्त का संचार बढ़ जाता है और नए सिरे से रोम छिद्रों में बाल उगने लगते हैं। आधे घंटे तक सिर से चिपकी रहने वाली जोंकों को फिर 6 माह तक इस्तेमाल नहीं किया जाता और उन जोंकों को दूसरे के सिर पर भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। आधा घंटे के बाद जोंक के मुंह पर हल्दी डालकर उसे सिर से अलग कर लिया जाता है। जोंक चिकित्सा के दौरान और बाद में भी किसी भी प्रकार के साबुनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहता है।   
 
चरक संहिता और आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार जोंक थैरेपी के अलावा प्रतिदिन प्रात: आंकड़े का रस लगाने से भी सिर पर बाल उगने लगते हैं। इसके अलावा लहसुन या प्याज का रस लगाने से भी बालों का फंगस दूर होता है।
ये भी पढ़ें
नागपंचमी पर करें हर समस्या का अंत, पढ़ें अचूक उपाय और मंत्र