गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. गणतंत्र दिवस
  4. republic day 2021
Written By

National Anthem : राष्ट्रगान के अंतिम पद जो कहीं और नहीं मिलेंगे...

National Anthem  : राष्ट्रगान के अंतिम पद जो कहीं और नहीं मिलेंगे... - republic day 2021
एक ऐसा गान जो प्रत्येक देशवासी की जुबान पर रहे। ऐसी धुन जिसके बजते ही तन-मन देशप्रेम की भावना में रम जाए। ऐसी प्रस्तुति जिसे सुनकर भाल गर्व से चमक उठे। लेकिन यह पूरा किसे याद है आइए जानते हैं इसके अंतिम पद जो कहीं और नहीं मिलेंगे...
 
राष्ट्र गान के अंतिम पद
अहरह तव आह्वान प्रचारित, शुनि तव उदार बाणी।
हिन्दु बौद्ध सिख जैन पारसिक, मुसलमान ख्रिस्तानी।
पूरब पश्चिम आसे, तव सिंहासन पाशे; प्रेमहार जय गाथा।
जन-गण-ऐक्य-विधायक जय हे, भारत-भाग्य-विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,जय जय जय, जय हे ॥
 
पतन-अभ्युदय-वन्धुर-पन्था, युग-युग-धावित यात्री ।
हे चिर सारथि,तव रथचक्रे, मुखरित पथ दिन रात्री ।
दारुण विप्लव-माझे, तव शंखध्वनि बाजे, हे संकटदुःखत्राता।
जन-गण-पथ-परिचायक जय हे,भारत-भाग्य-विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय, जय हे ॥
घोर तिमिरघन निविड् निशीथे, पीड़ित मूर्च्छित देशे ।
जागृत छिल तव अविचल मंगल, नत नयने अनिमेषे ।
दुःस्वप्ने आतंके, रक्षा करिले अंके, स्नेहमयी तुमि माता ।
हे जन-गण-दुःखत्रायक जय हे, भारत-भाग्य-विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय, जय हे ॥
 
रात्रि प्रभातिल, उदिल रविच्छवि, पूर्ब-उदयगिरिभाले ।
गाहे विहंगम, पुण्य समीरण, नवजीवनरस ढाले ।
तव करुणारुणरागे, निद्रित भारत जागे, तव चरणे नत माथा ।
जय जय जय हे, जय राजेश्वर !! भारत-भाग्य-विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय, जय हे ॥
ये भी पढ़ें
समुद्री लुटेरों ने किया पोत पर हमला, 1 नाविक की हत्या, 15 अन्य का अपहरण