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बनारस में शिव को भक्त देते हैं आशीर्वाद, जानिए कारण और परम्परा

बनारस में शिव को भक्त देते हैं आशीर्वाद, जानिए कारण और परम्परा - baba bholenath kashi banaras
बनारस के शिव मंदिर के सामने अगर कोई संत आपको यह कहते हुए मिले कि 'खुश रहा बाबा' तो चौंकिए नहीं... यह अंदाज है काशी के निवासियों का कि वे बाबा भोलेनाथ को आशीष देते हैं...आपको अचरज हो सकता है कि जिन बाबा भोलेनाथ से लोग आशीर्वाद मांगते हैं उन्हें आशीर्वाद देने की यह परंपरा कैसी है? 
 
असल में काशी के निवासी कहते हैं कि बाबा को यहां दामाद का रूप माना गया है। दामाद स्वरूप पुत्र को यहां के लोग प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। यहां आपको कई साधु, संत, बुजुर्ग शिव मंदिर के सामने से यह बोलकर जाते दिखाई दे सकते हैं- खुश रहा(रहो), प्रसन्न रहा(रहो), दरबार बना रहे, सब मंगल हो, सब कुशल हो यहां तक कि कुछ बुजुर्ग उनके हालचाल जानते भी दिखाई देते हैं....बाबा प्रसन्न हो ना, कोई कमी तो नहीं... एक कदम आगे कुछ लोग बाबा की आवभगत ऐसे करते हैं जैसे दामाद स्वरूप पुत्र की होती है। 
 
कुछ बुजुर्ग महिलाएं दामाद के लिए होने वाली रस्में महाशिरात्रि, सावन, होली, दिवाली और रंगभरी एकादशी पर निभाते देखी जा सकती हैं।  
 
कुल मिलाकर परंपरा यह है कि उन्हें अपने पुत्र सम दामाद का दर्जा देकर उन पर शुभ आशीष बरसाए जाते हैं। पंडितों का कहना है कि बदलते जमाने के साथ यह अब चलन में ज्यादा नहीं है पर पुराने जमाने के लोग अब भी इस परंपरा को निभाने में अपना सम्मान और सौभाग्य समझते हैं। 
 
: यह जानकारी लोक श्रुति, संवाद और अनुभव पर आधारित है। 
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