मुस्लिम समाज के घरों में बकरीद पर्व की तैयारियाँ शुरू हो गईं हैं। चाँद दिखने पर 17 या 18 नवंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा। कुर्बानी का त्योहार बकरीद हैं। लिहाजा, सभी मुस्लिम घरों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। मुस्लिम समुदाय के लोग बकरों की खरीदी करने के लिए शहर सहित आसपास के बाजारों में जा रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार बकरीद के दिन ही हजरत इब्राहिम ने अपने पुत्र हजरत इस्माइल की कुर्बानी अल्लाह की राह में दी थी।
हालाँकि, कुर्बानी के समय उनके पुत्र के स्थान पर अल्लाह ने अपनी शक्ति से एक तुम्बा को रख दिया था। इस घटना के बाद पैगंबर मोहम्मद ने कुर्बानी का यह क्रम जारी रखा और इसे ही बकरीद पर्व के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन सभी मुस्लिम समाज के लोग अपने घरों में बकरे की कुर्बानी देते हैं।
इस अवसर पर पेशे ईमाम द्वारा ईदगाह में नमाज अदा कराई जाएगी। इसके अलावा शहर के सभी मस्जिदों में नमाज अदा होगी। बकरीद के लिए एक माह पहले से ही बकरों की खरीद-बिक्री शुरू हो जाती है। माँग के अनुसार पूर्ति नहीं होने से बकरों की कीमत आसमान छू रही है।
एक विज्ञप्ति के अनुसार ईद-ए-अजहा के चाँद की सरई तस्दीक हासिल हो चुकी है, जिसके अनुसार 17 नवंबर को ईद-ए-अजहा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ईदगाह में नमाजे ईद-ए-अजहा का वक्त सुबह 8.45 बजे मुकर्रर किया गया है।