प्यारी बहनों के क्या कहने
जग से अनोखी ये बॉन्डिग
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स्वाति शैवाल कोई अगर दो बहनों के रिश्ते को परिभाषित करना चाहे तो...? शायद गुत्थी सबसे ज्यादा सुलझी हुई होगी। कहने को यह मामला सहज दो औरतों के बीच का है, लेकिन इस 'बीच' में अनगिनत भावनाएँ और एहसास तैरते रहते हैं। बहनें आपस में जितनी घुटी दोस्ती रखती हैं उतना भावनात्मक स्तर पर एक होना भाइयों में कम दिखता है। दो बिलकुल विपरीत प्रकृति की बहनें भी असल में मन से गहरा जुड़ाव रखती हैं। यही कारण है कि यह रिश्ता कुछ खास है।रोली (23) की हाल ही में शादी हुई है। उनकी शादी में खरीददारी से लेकर ज्वेलरी तथा ड्रेस का सिलेक्शन, पार्लर की बुकिंग, पार्टी का आयोजन आदि सबकुछ रोली की छोटी बहन निमिशा ने किया। हँसते हुए रोली कहती है- 'कहने को मैं निमिशा से 6 साल बड़ी हूँ और आज तक उसने मुझसे जिद करके चीजें माँगने, अपनी बात मनवाने तथा नखरे दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया। यह भी सच है कि अपनी उस नन्ही बहन को लाड़ करने में मुझे भी बहुत मजा आता है, लेकिन मेरी शादी तय होते ही वो एकदम से बदल गई। जिस नन्ही गुड़िया की साज-संभाल आज तक मैंने की थी, वो अचानक मेरी दादी माँ बन गई। पूरी शादी के दौरान मेरे खाने-पीने, आराम करने से लेकर मैं क्या और कब पहनूँगी, मेरे ससुराल में किसको क्या गिफ्ट जाएगा... बाप रे...! उसने सबकुछ इतनी जिम्मेदारी और कुशलता से किया कि हम सब हैरान हो गए। मेरे ससुराल वालों का तो उसने मन जीत लिया। मुझे अक्सर इस बात को लेकर टेंशन होती थी कि मेरी शादी के बाद पापा-मम्मी की देखभाल कौन करेगा? हमारा तो कोई भाई भी नहीं है। फिर निमिशाजी तो खुद का ही काम पूरा नहीं कर पातीं और दुनियादारी से तो बिलकुल ही बेखबर हैं... लेकिन उसने इतनी सहजता से सब संभाल लिया कि क्या कहूँ। मुझे सच में अपनी बहन पर गर्व है।'
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वर्षीय चंद्रिकाजी कहती हैं- 'सारे भाई-बहनों में सबसे ज्यादा मूडी और कल्पनालोक में जीने वाली मैं रही हूँ। अक्सर यह होता था कि बाजार में शॉपिंग करते समय मैं कोई ड्रेस पसंद कर खरीद लेती लेकिन घर आते ही मुझे बड़ी बहन की लाई हुई ड्रेस अच्छी लगने लगती और अपनी खराब। मैं जैसे ही यह बात कहती, बहन उतनी ही सहजता से खुशी-खुशी अपनी ड्रेस मुझे दे देती। बल्कि कई बार तो दोनों ड्रेस वो मेरे ही हवाले कर देती। आज भी मैं 'मेनिक्विन' की पहनी हुई साड़ी पसंद कर घर ले आती हूँ और फिर मुझे बहन द्वारा ली गई साड़ी ज्यादा अच्छी लगने लगती है और आज भी बहन खुशी से मुझे अपनी साड़ी सौंप देती हूँ। मैं बचपन से जानती हूँ कि बहन को व्यवस्थित रहना पसंद है और मुझे यह बिलकुल नहीं आता। मैंने हमेशा उसके कपड़े, उसका सामान पूरे अधिकार से उपयोग किया और कभी व्यवस्थित वापस नहीं दिया, इसके बावजूद उसने आज तक इसकी शिकायत नहीं की। जबकि कोई और ऐसा करता तो उसकी शामत आ जाती।' बहनों का यह रिश्ता उतना ही कठिन है जितना सरल। दो भाइयों की घनिष्ठ मित्रता की तरह ही दो बहनों की भी मित्रता होती है लेकिन पुरुष और महिला के भावनात्मक स्तर पर यह अलग है। दो भाई अक्सर उस तरह भावनाएँ प्रकट नहीं कर पाते जिस तरह दो बहनें आपस में कर देती हैं। किसी कार्यक्रम के लिए ड्रेस का चयन हो या किसी सुंदर पोशाक को देखकर उत्साह प्रकट करना हो, बहनें अक्सर ऐसे समय में खुलकर भावनाएँ प्रकट करती हैं। समय पड़ने पर वे स्वस्थ प्रतिद्वंद्वी भी हैं, एक-दूसरे की आलोचक भी और गहरी दोस्त भी... इन सबके बावजूद दिल से वे सिर्फ दो महिलाएँ हैं... जिन्हें अपनी भावनाएँ एक-दूसरे को समझाने की जरूरत नहीं पड़ती। वे बिना कहे, बिना इशारा किए एक-दूजे का मन पढ़ लेती हैं। इसलिए बहनों का ये रिश्ता इतना अलग और इतना अनोखा है। सेलिब्रिटी सिस्टर्स : बात चाहे सुरों की धनी मंगेशकर बहनों की करें, टेनिस जगत की हलचल विलियम्स बहनों की, मलाइका-अमृता अरोरा या करिश्मा-करीना की, सब में एक खास बॉन्डिग आपको नज़र आएगी। चाहे ग्लैमर जगत के ये सितारे निरी चकाचौंध में घिरे रहते हों लेकिन दो बहनों की आपसी मित्रता का भाव यहाँ भी बिलकुल आम मनुष्यों का-सा ही है। करिश्मा कपूर अगर करीना के लिए फ्रेंड-फिलॉसफर-गाइड हैं तो करिश्मा की बेटी समायरा करीना के लिए ईश्वर की सबसे अनमोल भेंट है। मंगेशकर बहनों ने तो अपने संघर्ष के दिनों से आज तक अपनी एकता कायम रखी है। यहाँ तक कि आशाजी और लताजी के प्रोफेशनल रिश्तों के बारे में भी कितनी ही बातें की गई हों, आज भी आशाजी के मन में अपनी बड़ी बहन के लिए अथाह आदर है और लताजी आज भी उन्हें माँ समान प्रेम ही देती हैं। शायद यही वह बंधन है, जो इन दोनों बहनों को सबसे अलग बनाता है। विश्वभर में अपने ताकवर टेनिस शॉट्स के लिए ख्यात विलियम्स बहनों के बीच की बॉन्डिग भी कुछ ऐसी ही है। दोनों जितना हो सके एक-दूसरे के साथ रहना पसंद करती हैं। इन दोनों के बीच प्रेम का एक बड़ा ही प्यारा-सा उदाहरण है।ऐसा कई बार हुआ है कि टेनिस कोर्ट पर दोनों बहनें एक-दूसरे के खिलाफ भी उतरी हैं और इन मुकाबलों में छोटी बहन सेरेना ने ज्यादा बार बाजी मारी है। ऐसे ही एक मैच के दौरान जब बाजी बड़ी बहन ने मारी, तो उन्होंने खेल खत्म होने के बाद अपनी बहन को गले लगाते हुए कहा-'आय लव यू।' जबकि प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी ऐसे समय में अधिकांशतः 'बहुत अच्छा खेले', 'इट वॉज़ अ क्लोज़ गेम' या फिर 'धन्यवाद' जैसे शब्दों का सहारा लेते हैं।