'शक्तिमान' की मूर्ति से उत्तराखंड की रावत सरकार को खतरा!
नई दिल्ली। उत्तराखंड में शक्तिमान एक बार फिर चर्चाओं में है। राजनीतिक कारणों से पहले तो देहरादून के रिस्पना चौक पर शक्तिमान की प्रतिमा लगवाई गई और फिर ज्योतिषियों के कहने पर रातोंरात इसे हटा लिया गया।
तीन दिन पहले शक्तिमान घोड़े की प्रतिमा रिस्पना चौक पर लगवाई गई थी और मंगलवार सुबह चार बजे इस प्रतिमा को हटा लिया गया। ऐसा क्यों हुआ यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत को ज्योतिषियों ने शक्तिमान की इस प्रतिमा को हटाने की सलाह दी थी जिसके बाद मूर्ति को आनन-फानन में हटाया गया।
उल्लेखनीय है कि शक्तिमान की मूर्ति लगाने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी। लोगों की मांग थी कि 2013 की केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज तक मूर्ति नही लगवाई गई है लेकिन सियासी फायदे के लिए सीएम हरीश रावत ने शक्तिमान घोड़े की प्रतिमा लगवा दी।
राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी सीएम की यह कहकर आलोचना की थी कि हरीश रावत शक्तिमान को लेकर राजनीति कर रहे हैं। इससे पहले रावत सरकार ने देहरादून विधानसभा के पास स्थित रिस्पना चौक का नाम घोड़े शक्तिमान को समर्पित करते हुए शक्तिमान चौक कर दिया था। इसी चौक पर शक्तिमान की प्रतिमा लगाई गई थी। गत मार्च में भाजपा विधायक गणेश जोशी की पिटाई में घायल हुए इस घोड़े की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।