सागर जिले में बाघ की दहशत, कर्फ्यू जैसे हालात...
मध्यप्रदेश के सागर के करीब दो माह से नोरादेही अभयारण्य सीमा में घुस आए बाघ की दहशत से मुहली रेंज के कई गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। बाघ के मौजूदगी से लोग अपने घरों से निकलने में भी डर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह बाघ कुछ पालतू पशुओं का शिकार भी कर चुका है साथ ही नोरादेही अभयारण्य में तैनात वन अमला जानकारियां होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे खामोश बैठा हुआ है। आंखीखेड़ा, मुहली, पटना, खपराखेड़ा, सरखेड़ा, खापा, खंगोरिया, तिंदनी, वादीपुरा, सर्रा समेत दो दर्जन गांवों के निवासी दहशत के साए में जी रहे हैं।
आदमखोर बाघ ने गत दिनों आंखीखेड़ा गांव में तालाब के पास नारायण वासुदेव के भैंसे का शिकार किया था। बाद में ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से बाघ को खदेड़ा गया। गांव के किसान खेतों पर पर काम करने समूह में जाने के लिए मजबूर हैं।
आंखीखेड़ा गांव के मिडिल और हाई स्कूल के बच्चे पढ़ने के लिए आठ किमी दूर घने जंगल से होते हुए मुहली गांव जाते हैं। डर के कारण बच्चे स्कूल भी नहीं जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि किसी दूसरे जंगल से भागकर आए शेर के गले में रेडियो कॉलर नहीं होने से वन अमले को निगरानी करने में भी परेशानी हो रही है। दूसरी ओर वन विभाग द्वारा दो माह का लंबा समय बीत जाने के बाद भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं करने से भी लोग चिंता में हैं।
हालांकि वन विभाग कर्मचारियों का कहना है कि बाघ की गतिविधियों पर सतत नजर रखी जा रही है और पल-पल की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा रही है। साथ ही जिन लोगों के पालतू पशुओं को हानि पहुंची है, उन्हें नियमानुसार मुआवजा देने की कार्रवाई भी की जा रही है।