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Written By सुरेश एस डुग्गर

मां के आंसू खींच लाए आतंकवादी बेटे को...

मां के आंसू खींच लाए आतंकवादी बेटे को... - Terrorism, Terror Attack, Terrorist Majid Irshad Khan
श्रीनगर। करीब दो सप्ताह पहले फुटबॉलर से आतंकी बन लश्करे तैयबा का हाथ थामने वाले बेटे ने अपनी मां की पुकार पर सरेंडर कर दिया है। फुटबॉल के मैदान पर अपने जौहर दिखाते-दिखाते आतंकवाद की राह पकड़ने वाले माजिद इरशाद खान ने सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। 
 
सूत्रों ने बताया कि करीब आठ दिन पहले आतंकी बने वाले अनंतनाग के माजिद इरशाद खान को बीती रात सेना की 1 आरआर के जवानों ने अनंतनाग और कुलगाम के बीच वनपोह में घेर लिया था। उसे वहां सरेंडर का मौका दिया गया और उसके बाद उसने हथियार छोड़ दिए।
 
संबधित अधिकारियों ने बताया कि माजिद खान के वनपोह में एक जगह विशेष पर छिपे होने की सूचना पर ही 1 आरआर के जवानों ने सुनियोजित तरीके से उसके ठिकाने की घेराबंदी की और उसे सरेंडर के लिए कहा और उसने गोली चलाने के बजाय हथियार छोड़ दिया। 
 
अनंतनाग के बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाने वाले माजिद इरशाद खान के परिजन और दोस्त उसके आतंकी बनने के दिन से ही हर जगह उसके लौटने की अपील कर रहे थे। गत बुधवार को वह कुलगाम में एक आतंकी के जनाजे में भी शामिल हुआ था। 
 
सूत्रों की मानें तो सेना ने माजिद इरशाद खान को शुक्रवार सुबह ही राज्य पुलिस के हवाले किया है, लेकिन आईजीपी कश्मीर मुनीर अहमद खान, डीआईजी दक्षिण कश्मीर रेंज स्वयं प्रकाश पाणि समेत किसी पुलिस अधिकारी या सैन्याधिकारी ने माजिद इरशाद के सरेंडर किए जाने या पकड़े जाने पर किसी तरह की जानकारी से इनकार किया है।
 
याद रहे माजिद इरशाद खान बहुत अच्छा गोलकीपर था। अक्टूबर महीने के आखिरी दिनों में यह 20 वर्षीय खिलाड़ी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। खिलाड़ी के दोस्त और परिवार वाले इससे बेहद परेशान और चिंतित थे। ऐसा माना जा रहा है कि यह खिलाड़ी अपने दोस्त यावर निसार शेरगुजरी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के बाद आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। शेरगुजरी आतंकवादी था और वह अनंतनाग में अगस्त महीने में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ में मारा गया था।
 
इस फुटबॉलर ने आतंकवादी संगठन में शामिल होने का अपना इरादा 29 अक्टूबर के एक फेसबुक पोस्ट में जाहिर किया था। उसने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, जब शौक-ए-शहादत हो दिल में, तो सूली से घबराना क्या। सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में खिलाड़ी की मां आयशा उसकी वापसी की गुहार लगा रही थी। वीडियो में उसकी मां को कहते हुए सुना जा सकता है कि लौट आओ और हमारी जान ले लो, उसके बाद चले जाना। तुम मुझे किसके लिए छोड़ गए? माजिद जल्द से जल्द लौट आओ, अपने पिता की खातिर।
 
आतंकी संगठन से जुड़ने से पहले माजिद एक समाजसेवी संस्था के साथ काम करता था। समाज कल्याण से जुड़े कामों को करने वाली इस संस्था में माजिद बतौर कार्यकर्ता जुड़ा था और वह इमर्जेंसी हेड था। उसकी वापसी को परिवार के लिए राहत की तरह देखा जा रहा है।
 
आईजी पुलिस कश्मीर रेंज मुनीर अहमद खान ने माजिद खान के सरेंडर से इंकार करते हुए कहा कि उसने न हमारे पास सरेंडर किया है और न हमने उसे कहीं गिरफतार किया है। बस यह जरुर सुना है कि उसने अपने माता-पिता से गत दिनों फोन पर संपर्क कर, वापस अपने की इच्छा जताई है। उम्मीद करते हैं कि वह सही सलामत अपने घर आ जाए। उसे आ जाना चाहिए।

माजिद के खिलाफ कानूनी रूप से नहीं तय होगा कोई आरोप : फुटबॉलर से आतंकवादी बने युवक माजिद खान के आत्मसमर्पण के बाद शुक्रवार को सेना ने उसके निर्णय को बहादुरीभरा बताते हुए कहा कि उसके खिलाफ कानूनी रूप से कोई आरोप तय नहीं किए जाएंगे और पुनर्वास में उसकी सहायता की जाएगी।
 
जीओसी विक्टर बल के मेजर जनरल बीएस राजू ने उम्मीद जताई कि माजिद का आत्मसमर्पण अन्य स्थानीय आतंकवादियों के लिए उदाहरण बनेगा और वे भी उसके दिखाए रास्ते पर चलेंगे। उन्होंने कहा, हम माजिद को सुरक्षित लाना चाहते थे।