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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 23 जुलाई 2017 (12:12 IST)

गुजरात चुनाव से पहले वाघेला ने छोड़ा साथ, क्या होगा कांग्रेस पर असर...

गुजरात चुनाव से पहले वाघेला ने छोड़ा साथ, क्या होगा कांग्रेस पर असर... - Shankar Singh Vaghela congress Gujrat election
नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर चुके कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला के जाने से आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से साफ इंकार करते हुए पार्टी ने रविवार को कहा कि किसी एक नेता के आने-जाने से मतदाताओं का मन नहीं बदलता, हालांकि पार्टी ने किसी चेहरे के साथ चुनाव में उतरने के मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले।
 
वाघेला के पार्टी छोड़ने के ऐलान से गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछने पर पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि किसी एक नेता के आने-जाने से पूरे राज्य के मतदाताओं का मन बदल जाए, ऐसा नहीं है। हम चाहते थे कि शंकर सिंह वाघेला हमारे साथ रहें। पार्टी हाईकमान ने भी उनसे बातचीत की थी। उनकी कुछ बातें ऐसी थीं जिन्हें पूरी तरह से मानना संभव नहीं था, फिर भी हमारा मानना है कि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और गुजरात में हमारी सरकार बनेगी।
 
उन्होंने कहा कि गुजरात में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में बहुत अच्छा माहौल है। राज्य में भाजपा घबराई हुई है, क्योंकि उसका खुद का सर्वे कह रहा है कि उसके लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में जीतना मुश्किल है। 
 
गोहिल ने स्वीकार किया कि वाघेला की कुछ मांगें थीं जिनमें वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी को बदलकर उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाए। उनकी एक मांग यह भी थी कि अभी से ही विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएं। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक संगठन है। इसमें किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाती है। हम सबको साथ में लेकर चलते हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी क्या किसी चेहरे के साथ उतर सकती है? कांग्रेस प्रवक्ता गोहिल ने कहा कि यह फैसला तो पार्टी हाईकमान करेगा। पर कांग्रेस में आम चलन यही रहा है कि पार्टी प्रत्याशी एक टीम की तरह लड़ते हैं और बहुमत मिलने पर निर्वाचित सदस्यों का मत जानकर कांग्रेस अध्यक्ष अंतिम निर्णय करता है। गुजरात में भी हम एक टीम की तरह लड़ेंगे। हमारे लिए व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं, संगठन महत्वपूर्ण है। 
 
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गुजरात में भाजपा की स्थिति को देखते हुए भगवा दल ने वाघेला पर कई तरह से यह दबाव बनाया कि वह कांग्रेस छोड़ सकें ताकि भगवा पार्टी की स्थिति को कुछ मजबूती मिल सके। इस संबंध में वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से हुई वाघेला की मुलाकात का भी हवाला देते हैं।
 
उल्लेखनीय है कि गुजरात में कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए इसके कद्दावर नेता वाघेला ने गत शुक्रवार को पार्टी छोड़ने की घोषणा की। आरएसएस के पूर्व स्वयंसेवक वाघेला ने यह नाटकीय घोषणा अपना 77वां जन्मदिन मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में की। इसके 1 दिन पहले ही राज्य में कांग्रेस के अंदर फूट सामने आई थी, जब यह ब्योरा आया कि पार्टी के 57 में से कम से कम 8 विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट नहीं दिया।
 
हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि न तो कांग्रेस ने उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की है, न ही उन्हें पार्टी से निकाला गया है। ये दोनों ही दावे पूरी तरह से गलत हैं। 
 
सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी वाघेला का सम्मान करती है, जो उन्हें दी गई अहम जिम्मेदारियों और पदों से जाहिर होती है। दरअसल, वाघेला चाहते हैं कि मौजूदा प्रदेश कांग्रेस प्रमुख (भरतसिंह सोलंकी) को हटाकर उनके पद पर उन्हें नियुक्त किया जाना चाहिए। यह पार्टी और इसके नेतृत्व का फैसला है और कोई भी व्यक्ति यह फैसला नहीं कर सकता। 
 
राज्य में नवंबर-दिसंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले कांग्रेस छोड़ने का वाघेला का फैसला पार्टी के लिए चिंता का सबब रहेगा। पार्टी राज्य में करीब 2 दशक से सत्ता से बाहर है। वाघेला के पास उत्तर गुजरात में अच्छा-खासा जनाधार है। (भाषा)