आतंकियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा, हथियारों की कमी के चलते देसी ग्रैनेड का कर रहे इस्तेमाल
जम्मू। उस पार से हथियारों की खेपें न मिल पाने के कारण आतंकी अब अधिकतर हमलों के लिए ग्रैनेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें देसी ग्रैनेड भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने कुछ दिन पहले आतंकियों के कई ओडब्ल्यूजी को गिरफ्तार कर आने वाले दिनों में आतंकियों द्वारा किए जाने वाले ग्रैनेड हमलों को भी थाम लेने का दावा किया था।
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले साल आतंकियों ने प्रदेशभर में 70 से अधिक ग्रैनेड हमले किए थे और आतंकी अगले दिनों में ऐसे और हमले श्रीनगर शहर में करके अफरा-तफरी मचाने की योजनाएं भी लिए हुए थे, जो आतंकियों के समर्थकों की पिछले कुछ हफ्तों में हुई गिरफ्तारी और उनके कब्जे से बरामद ग्रैनेडों के साथ ही अधूरी रह गईं।
सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार ओडब्ल्यूजी ने इसे माना है कि उन्हें अब अन्य हथियार मुहैया नहीं करवाए जा रहे हैं जिस कारण वे सिर्फ ग्रैनेड का इस्तेमाल करके ही दहशत व आतंक मचा रहे हैं। सीमाओं पर जारी सीजफायर तथा तारबंदी के कारण घुसपैठ पर लगी रोक के चलते सीमापार से हथियारों खेपें अब उतनी मात्रा में नहीं आ पा रही हैं जितनी 4 साल पहले तक आया करती थीं।
ऐसे में आतंकियों को सीमा पार से मिलने वाले आदेशों में भी अधिक से अधिक ग्रैनेड हमले करने को कहा जा रहा है। यही नहीं, एक अधिकारी के बकौल, आतंकी अब लोकल लेवल पर भी ग्रैनेड बना रहे हैं। हालांकि ऐसे बनाए जाने वाले देसी ग्रैनेड अधिक नुकसान तो नहीं पहुंचा पाए, पर उसने लोगों को जख्मी कर दहशत जरूर फैलाई है।
कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत से ही ग्रैनेडों का जमकर इस्तेमाल होता रहा है। वर्ष 2020 में भी 54 ग्रैनेड हमले हुए थे तो इस साल अभी तक कश्मीर 6 ग्रैनेड हमलों को झेल चुका है। इस पावभर वजन की वस्तु को फिंकवाने के लिए आतंकी कई बार छोटे-छोटे बच्चों का भी इस्तेमाल कर चुके हैं तथा ये ग्रैनेड कश्मीर में कई बार भयानक तबाही मचा चुके हैं, इसके प्रति कोई शक नहीं है।