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Last Updated : शुक्रवार, 2 सितम्बर 2022 (21:16 IST)

राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा से नीतीश भले ही कर रहे हों इंकार, 'पोस्टर' अलग ही कहानी कर रहे हैं बयां

राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा से नीतीश भले ही कर रहे हों इंकार, 'पोस्टर' अलग ही कहानी कर रहे हैं बयां - PM's aspiration in Nitish Kumar's posters
पटना। जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार भले ही अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कह रहे हों, लेकिन यहां पार्टी मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टर कुछ अलग ही कहानी बयां करते हैं। इनमें से कुछ में जहां नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा गया है तो कुछ में उन्हें (कुमार को) एक ऐसा व्यक्ति बताया गया है, जो 2024 में बदलाव का सूत्रपात करेगा।
 
एक पोस्टर में कहा गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री 'जुमला नहीं, हकीकत' हैं जबकि एक अन्य में 'मन की नहीं, काम की' बात कही गई है। इस तरह इन पोस्टर में कुमार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध पेश किया गया है। कुछ पोस्टरों में यह भी कहा गया है कि कुमार 2024 में भारत को 'एक समाज, श्रेष्ठ समाज' बनाएंगे तथा 'बदलाव' होगा, क्योंकि शुरुआत हो चुकी है।
 
जनता दल (यूनाइटेड) की शनिवार से यहां 2 दिवसीय राष्ट्रीय बैठक होने जा रही है, ऐसे में उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच ऐसी प्रबल कयासबाजी दिख रही है कि यह सम्मेलन 2024 के अगले लोकसभा चुनाव से पहले कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष के चेहरे के रूप में पेश करने का एक मंच साबित होगा।
 
हालांकि पार्टी अपने औपचारिक बयानों एवं प्रस्तावों में हो सकता है कि इस संबंध में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहे, क्योंकि वह विपक्षी खेमे में आम सहमति की आवश्यकता के प्रति सचेत है जिसमें कांग्रेस के अलावा कई क्षेत्रीय क्षत्रप शामिल हैं। जद (यू) नेतृत्व को यह तथ्य पता है कि उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को छोड़कर कोई भी विपक्षी दल ऐसे किसी विचार के समर्थन में आगे नहीं आया है।
 
पार्टी सूत्रों ने कहा कि उसके प्रस्ताव वर्तमान राष्ट्रीय स्थिति पर केंद्रित रहने की संभावना है। उनमें देश में महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर जोर दिए जाने तथा भाजपा को टक्कर देने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत पर पर बल दिए जाने संभावना है। जद (यू) अध्यक्ष ललन सिंह ने अक्सर कहा है कि कुमार 2024 के चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि यदि अन्य दल राजी होते हैं तो ऐसे किसी प्रस्ताव पर गौर किया जा सकता है।
 
पार्टी सूत्रों ने कहा कि सबसे अधिक समय से बिहार के मुख्यमंत्री रहे कुमार (71) इस 2 दिवसीय बैठक के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समेत विभिन्न विपक्षी नेताओं से मिलने तथा भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के बीच व्यापक एकता पर जोर देने के लिए लिए दिल्ली जाएंगे। वे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को बिहार में सरकार गठन में समर्थन देने के लिए धन्यवाद दे सकते हैं। हाल में जद (यू) ने भाजपा से नाता तोड़कर राजद समेत विपक्षी दलों के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई।
 
जद (यू) महासचिव अफीक अहमद खान ने कहा कि 26 प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों समेत देशभर से पार्टी के करीब 110 नेता शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे और कुमार दोनों ही दिन इस बैठक को संबोधित कर सकते हैं। वैसे कुमार से जब उनकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो उनका जवाब रहा कि छोड़िए ये सब बात। वहीं पार्टी कार्यालय और उसके बाहर लगे पोस्टर और बिलबोर्ड अलग कहानी बयां करते हैं।
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