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Last Modified: चेन्नई/ मदुरै , रविवार, 22 जनवरी 2017 (16:54 IST)

जल्लीकट्टू का उद्घाटन किए बिना जाना पड़ा पनीरसेल्वम को

जल्लीकट्टू का उद्घाटन किए बिना जाना पड़ा पनीरसेल्वम को - Panneerselvam
चेन्नई/ मदुरै। तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में जहां रविवार को जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया, वहीं मदुरै के आलंगनल्लूर में विरोध प्रदर्शन जारी रहे, जहां लोगों ने स्थायी समाधान की मांग करते हुए सांड को काबू में करने के इस खेल के आयोजन से इंकार कर दिया और इस वजह से मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को बिना उद्घाटन किए चेन्नई लौटना पड़ा। पनीरसेल्वम ने शनिवार को कहा था कि वे सुबह 10 बजे आलंगनल्लूर में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

 
चेन्नई के मरीना बीच समेत राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारी अब भी डटे हुए हैं। मरीना बीच पिछले 6 दिन से प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है। प्रदर्शनकारी इस खेल के आयोजन के लिए स्थायी समाधान और पशु अधिकार संगठन पेटा पर पाबंदी लगाने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं।
 
प्रदर्शनकारियों ने जहां आयोजन के स्थायी समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थायी उपाय है तो पनीरसेल्वम ने कहा कि राज्य सरकार का जल्लीकट्टू पर अध्यादेश का रास्ता स्थायी, सशक्त और टिकाऊ है और इसे आगामी विधानसभा सत्र में कानून बनाया जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं है तथा सोमवार को चेन्नई में शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा जिसके बाद अध्यादेश की जगह कानून ले लेगा। चेन्नई रवाना होने से पहले मदुरै में बातचीत में पनीरसेल्वम ने कहा कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है। आलंगनल्लूर में स्थानीय लोगों द्वारा तय तारीख पर खेल का आयोजन किया जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सभी हिस्सों में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया और स्थानीय प्रशासन और पुलिस इसके लिए सभी ऐहतियातन कदम उठा रहे हैं। यहां और तमुक्कम मैदान में लगातार विरोध प्रदर्शन और बंद जारी रहने से पनीरसेल्वम द्वारा जल्लीकट्टू के उद्घाटन पर प्रश्नचिह्न लग गया था। (भाषा)
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