बदलेगा अंतिम संस्कार का तरीका, समाज और प्रकृति को होगा फायदा
नई दिल्ली। हर धर्म में अंतिम संस्कार के अपने रीति-रिवाज हैं। हिन्दुओं में मृत शरीर को दफनाया नहीं जाता है, उसका अग्नि द्वारा अंतिम संस्कार किया जाता है। कई लोग मृत देह को दान भी करते हैं। अब एक ऐसी कंपनी है, जो मृत शरीर को पेड़ों में बदल सकती है।
इससे समाज और प्रकृति दोनों को लाभ होगा। इस तरह का खास आइडिया लाई है 'कैप्सुला मुंडी' (Capsula Mundi) कंपनी है। यह मृत व्यक्तियों के शरीर को खास तरह के पॉर्ड में डालकर पेड़ों में बदल देगी। इस पॉड का नाम ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स है। यह एक अंडाकार कैप्सूल कार्बनिक है। कैप्सुला मुंडी के कैप्सूल में मृत बॉडी को रखा जाता है। जैसे किसी महिला के गर्भ में भ्रूण होता है।
कंपनी भ्रूण की तरह ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स में रखे शरीर को एक बीज मानती है। इसके ऊपर एक पेड उगेगा। कैप्सुला मुंडी का कैप्सूल स्टार्च प्लास्टिक से बना होता है। यह जमीन पर पूरी तरह गल सकता है। इस पॉड के गलने के साथ बॉडी भी गल जाएगी।
इससे शरीर के पिघलने से निकलने वाले तत्व पेड़ को बढ़ाने में सहायता करेंगे। इसका लाभ यह होगा कि मृत शख्स के करीबी उस पेड़ के साथ अपने खोने वालों को हमेशा याद रख सकेंगे। सही मायने में समझा जाए तो यह आर्गेनिक बरियल पॉड्स ताबूत की जगह लेगा। जो पूरी तरह कार्बनिक और गलने वाला होगा।
यह कॉफिन जल्द ही गल जाएगा। कंपनी का दावा है कि किसी भी पेड़ को बढ़ने में कम से कम 10 साल लगते हैं, लेकिन पॉड्स से उन्हें 1 सप्ताह में पोषक तत्व मिलने लगेंगे। कंपनी के मुताबिक अगर मृत शरीर को जलाते हैं तो उसी राख और अवशेषों को छोटे पॉड्स में रखकर दफना सकते हैं।