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Last Updated : शनिवार, 20 जुलाई 2024 (17:36 IST)

जरांगे ने मराठा आरक्षण के लिए फिर शुरू की भूख हड़ताल, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

जरांगे का 7 अगस्त से 13 अगस्त तक राज्यव्यापी दौरा

जरांगे ने मराठा आरक्षण के लिए फिर शुरू की भूख हड़ताल, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - Manoj Jarange started hunger strike for Maratha reservation
जालना। मराठा आरक्षण (Maratha reservation) कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने महाराष्ट्र के जालना जिले में शनिवार को उस मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग करते हुए फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की जिसमें कुनबियों (Kunbis) को मराठा समुदाय के सदस्यों के रक्त संबंधी के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।

 
जिले के अंतरवली सराती गांव में उपवास शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें यह कदम इसलिए उठाना पड़ा, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार आरक्षण मुद्दे पर वादा पूरा करने में विफल रही है। इससे पहले जरांगे ने आरक्षण के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करने के 6 दिन बाद ही उसे निलंबित कर दिया था और सरकार के लिए मराठा समुदाय की मांग मानने के लिए 1 महीने की समय सीमा तय की थी।

 
जरांगे का 7 अगस्त से 13 अगस्त तक राज्यव्यापी दौरा : शनिवार को जरांगे ने यहां कहा कि मुझे यह उपवास इसलिए शुरू करना पड़ा, क्योंकि सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया। मैं आखिरी सांस तक यह हड़ताल जारी रखूंगा। उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें मराठा समुदाय तय करेगा कि आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जाए या नहीं? उन्होंने कहा कि अनिश्चितकालीन अनशन के दौरान वे 7 अगस्त से 13 अगस्त तक राज्यव्यापी दौरा करेंगे।

 
जरांगे ने कहा कि मैं एम्बुलेंस में महाराष्ट्र का दौरा करुंगा और बैठकों को संबोधित करूंगा। उसके बाद विधानसभा चुनाव पर चर्चा करने के लिए 14-20 अगस्त तक अंतरवली सराती में कई बैठकें होंगी। 29 अगस्त को यदि समुदाय कोई प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय लेता है तो हम कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा करेंगे। लेकिन तब हम उन लोगों को हराने की दिशा में काम करेंगे, जो मराठा आरक्षण का विरोध करते हैं और उनका समर्थन करेंगे, जो उसके पक्ष में हैं।
 
उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों से विधानसभा चुनाव में उतारे जा सकने वाले संभावित प्रत्याशियों के आंकड़े जुटाने की अपील की ताकि 14-20 अगस्त के दौरान उन पर चर्चा हो सके। जरांगे ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन एवं विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) उनके आंदोलन का फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
 
जरांगे ने कहा कि महायुति चाहता है कि मैं चुनाव में 288 प्रत्याशियों को उतारूं जबकि एमवीए को उम्मीद है कि इसके बजाय मैं उसका समर्थन करूंगा। लेकिन मैं उनकी तरकीबें जानता हूं और मैं उनकी योजना सफल नहीं होने दूंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार ने आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर 'लाडकी बहन' और 'लाडका भाऊ' योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कई कल्याणकारी योजनाएं थीं, जो अतीत में बंद कर दी गईं।
 
जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल नहीं कर इस समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता मराठों और ओबीसी के बीच मतभेद पैदा करने की चेष्टा कर रहे हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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