सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Information hidden in election affidavit, BJP MLA jailed for 2 months
Written By
Last Modified: गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 (22:11 IST)

चुनावी हलफनामे में छिपाई जानकारी, भाजपा विधायक को 2 माह की जेल

Uday Garudachar
बेंगलुरु। भाजपा के विधायक उदय गरुड़ाचार को बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में एक स्थानीय अदालत ने चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने के लिए दो महीने की कैद की सजा सुनाई।
 
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने गरुड़ाचार को अपने खिलाफ दो लंबित आपराधिक मामलों का उल्लेख करने में विफल रहने और निजी कंपनी में प्रबंध निदेशक होने की बात छुपाने के लिए जेल की सजा सुनाई और 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
 
इस संबंध में एक व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद गरुड़ाचार को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दोषी पाया गया है। सजा दो साल से कम होने के कारण अदालत ने उन्हें उच्चतर अदालत में अपील करने की अनुमति देते हुए जमानत दे दी। गरुड़ाचार को 25,000 रुपए के निजी मुचलके और जमानत राशि पर रिहा किया गया।
 
उदय गरुड़ाचार ने 2018 में बेंगलुरु के चिकपेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। यह हलफनामा 18 अप्रैल 2018 को दाखिल किया गया था।
 
यह आरोप लगाया गया था कि गरुड़ाचार निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक थे, लेकिन उनके हलफनामे में उनका उल्लेख केवल एक निवेशक के रूप में किया गया था। उनकी पत्नी उसी कंपनी की निदेशक थीं, जिसका जिक्र भी चुनावी हलफनामे में नहीं था। यह भी पाया गया कि उन्होंने हलफनामे में अपनी पत्नी के बैंक खाते के विवरण का उल्लेख नहीं किया था।
 
विधायक के खिलाफ अदालत द्वारा दर्ज किए गए आरोप में कहा गया कि आरोपी लंबित आपराधिक मामले से अवगत था, आरोपी ने हलफनामे में इसका उल्लेख नहीं किया था। आरोपी ने झूठा हलफनामा दिया और इसे निर्वाचन अधिकारी के सामने प्रस्तुत किया।
 
अदालत ने कहा कि हलफनामे में आरोपी को अपनी पत्नी का बैंक बैलेंस का विवरण देना था, लेकिन उसने उक्त हलफनामे को दाखिल करने की तिथि के अनुसार उनके खाते में वास्तविक शेष राशि का उल्लेख नहीं किया। आरोपी ने हलफनामे में यह भी कहा कि वह निजी कंपनी और अन्य में निवेशक है। सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि विधायक के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala