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Last Updated :शिमला , मंगलवार, 19 नवंबर 2024 (17:51 IST)

हिमाचल सरकार की बढ़ी मुश्किल, अदालत ने दिया हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश

हिमाचल सरकार की बढ़ी मुश्किल, अदालत ने दिया हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश - Himachal High Court orders attachment of Himachal Bhawan
Order to confiscate Himachal Bhawan : हिमाचल (Himachal) प्रदेश उच्च न्यायालय ने बिजली कंपनी 'सेली हाइड्रोपॉवर इलेक्ट्रिकल' कंपनी पर राज्य सरकार के 150 करोड़ रुपए के बकाए की वसूली के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन (Himachal Bhawan) को कुर्क (attachment) करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने सोमवार को पारित आदेश में कहा कि कंपनी दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में स्थित हिमाचल भवन की नीलामी के लिए उचित कदम उठा सकती है।
 
मामला 340 मेगावॉट की सेली जलविद्युत परियोजना से जुड़ा हुआ है : मामला हिमाचल के लाहौल और स्पीति जिले में चिनाब नदी पर प्रस्तावित 340 मेगावॉट की सेली जलविद्युत परियोजना से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार ने यह परियोजना सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी लिमिटेड/मोजर बेयर को आवंटित की थी और 28 फरवरी 2009 को एक आवंटन पत्र (एलओए) भी जारी किया था। इसके बाद कंपनी ने 64 करोड़ रुपए का अग्रिम प्रीमियम जमा किया।ALSO READ: कांग्रेस का इतिहास टूटे वादों से भरा पड़ा, हिमाचल की जनता से धोखा हुआ
 
अदालत ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया : हालांकि सेली जलविद्युत परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। राज्य सरकार ने एलओए रद्द कर दिया और अग्रिम प्रीमियम जब्त करने का आदेश दिया। कंपनी ने इस फैसले को मध्यस्थता के समक्ष चुनौती दी जिसने उसके पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार से ब्याज सहित अग्रिम प्रीमियम जमा करने को कहा।ALSO READ: Himachal Pradesh Name Plate Controversy : योगी मॉडल को लेकर हिमाचल कांग्रेस में क्लेश, सुक्खू सरकार की सफाई, मंत्री विक्रमादित्य को हाईकमान की फटकार
 
राज्य सरकार के आदेश पर अमल न करने के बाद कंपनी ने अनुच्छेद-226 के तहत उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की। अदालत ने याचिकाकर्ता की इस दलील में दम पाया कि सेली जलविद्युत परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय रूप से अव्यवहार्य हो गई है और इससे पीछे हटने का उसका अनुरोध स्वीकार किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी 2023 को मध्यस्थता के फैसले को बरकरार रखा और हिमाचल सरकार को रजिस्ट्री में ब्याज सहित अग्रिम प्रीमियम जमा करने का निर्देश दिया।
 
7 प्रतिशत की दर से ब्याज लगाया : अग्रिम प्रीमियम पर याचिका दायर करने की तिथि से 7 प्रतिशत की दर से ब्याज लगाया गया। सरकार द्वारा भुगतान में देरी के कारण अग्रिम प्रीमियम की राशि ब्याज के साथ बढ़कर 150 करोड़ रुपए हो गई। उच्च न्यायालय ने हिमाचल सरकार को झटका देते हुए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया।
 
उसने चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान के लिए प्रमुख सचिव (बिजली) को मामले की जांच करने और 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तारीख निर्धारित की। महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि हिमाचल सरकार ने पहले ही उच्च न्यायालय के पिछले आदेश के खिलाफ अपील दायर की है जिस पर इसी महीने सुनवाई होने की संभावना है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta