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Last Updated :चेन्नई/अमरावती , सोमवार, 12 दिसंबर 2016 (17:13 IST)

वरदा की दहशत में तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश, दो की मौत

वरदा की दहशत में तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश, दो की मौत - Cyclone Varda
चक्रवाती तूफान वरदा 1.30 बजे पूरी तरह से चेन्नई के तट से टकरा गया। तट से टकराने के बावजूद तूफान कम नहीं हुआ। 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाए चल रही है। कई इलाकों की बिजली को बंद कर दिया गया है। तटीय इलाकों से लोगों को बाहर निकाला गया है। चेन्नई में तूफान के साथ भारी बारिश। चेन्नई से 25 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं और 31 उड़ानें लेट हैं। तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गए हैं।  खबरों के मुताबिक इसमें दो लोगों की मौत हो गई। 
हमारे चेन्नई संवाददाता के अनुसार तूफान के चलते शहर में कई जगह पेड़ टूटकर गिर गए जिससे कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा है, जबकि कई स्थानों पर सड़क पर भी पेड़ टूटकर गिर गए जिसके कारण यातायात में बाधा उत्पन्न हो गई।

चेन्नई, तिरूवल्लूर एवं कांचीपुरम जिलों में सुबह से भारी बारिश हो रही है और इन जिलों में तेज हवाएं भी चल रही हैं। इन इलाकों के कई हिस्सों में एहतियातन विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई है। थल सेना, नौसेना एवं वायु सेना के साथ सशस्त्र बलों को भी तैयार रहने को कहा गया है ताकि कभी भी आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तैनात किया जा सके।

राहत दल की तैयारी : चक्रवाती तूफान वरदा के चलते सोमवार राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ के 15 से ज्यादा दल तैनात किए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख आरके पचनंदा ने बताया कि आठ दल पहले ही तमिलनाडु के विभिन्न इलाकों में और सात आंध्रप्रदेश में तैनात हैं। कुछ दल आसपास के इलाकों में हैं। आंध्र प्रदेश के एसपीएस नेल्लोर जिले में बंगाल की खाड़ी में तटों के नजदीक रहने वाले करीब 9,400 लोगों को आज राहत शिविरों में पहुंचाया गया। यहां शक्तिशाली वरदा चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है।

एनडीआरएफ के महानिदेशक ने बताया, 'अराकोणम और गुंटूर में कुछ अन्य दलों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तत्काल भेजा जा सके। हम दोनों राज्यों की सरकारों, भारतीय मौसम विभाग और अन्य राहत एजेंसियों के लगातार संपर्क में हैं।' एनडीआरएफ के प्रत्येक दल में लगभग 45 कर्मी हैं। चक्रवात के कारण किसी भी अपात स्थिति से निपटने के लिए ये ये बचाव उपकरणों और नौकाओं से लैस हैं।
महानिदेशक ने कहा, 'सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं और नियमित जानकारी साझा की जा रही है।' चेन्नई, तिरूवल्लूर और कांचीपुरम जिलों में सुबह से ही भारी बारिश हो रही है। इन क्षेत्रों के कई हिस्सों में सुरक्षात्मक उपाय के तहत बिजली आपूर्ति स्थगित की गई है।
 
जरूरत के समय के लिए सशस्त्र बलों को भी तैयार रखा गया है। थलसेना, नौसेना और वायुसेना को भी किसी भी समय तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ के सहायक कमांडर सेंथिल कुमार ने कहा कि दो दलों को सुल्लरपेटा, एक दल को टाडा और एक रिजर्व दल को नेल्लोर में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, 'निचले इलाकों में भारी बारिश की स्थिति में, हम तत्काल ही निकासी करेंगे। तेज हवा के कारण पेड़ उखड़ सकते हैं, इसलिए हमने पेड़ काटने वाले उपकरण रखे हैं। हम तत्काल कार्रवाई करेंगे।' 
 
एनडीआरएफ के डीआईजी एसपी सेल्वम ने कहा कि कर्मी इलाकों की रेकी कर रहे हैं और स्थानीय लोगों की मदद से इलाकों से पहचान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तैयारी में बहुत बदलाव हुआ है। राज्य की एजेंसियों ने कल एक बैठक की थी। तमिलनाडु सरकार के प्रधान सचिव ने एक बैठक की थी। आंध्रप्रदेश सरकार ने भी उच्च स्तरीय बैठकें की थीं, जिनमें हमारे अधिकारियों ने शिरकत की।'
 
सेल्वम ने कहा, 'जरूरतों के बारे में आकलन किया गया था और उसके हिसाब से हमने दलों को लगाया है।' उन्होंने कहा कि तेज गति की हवाएं छप्पर वाली झोंपड़ियों जैसी हल्की संरचनाओं और पेड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। पेड़ गिर भी सकते हैं, जिससे यातायात बाधित हो सकता है। सेल्वम ने कहा, 'राज्य प्रशासन सड़कें साफ करने और लोगों को बचाने के लिए तैयार है। हमारे दल राज्य प्रशासन के साथ काम करते हैं। संवेदनशील इलाकों का आकलन किया गया है और उस हिसाब से दलों को लगाया गया है।' उन्होंने कहा, 'चेन्नई में, दो दलों को बेसिन ब्रिज और एक को अड्यार में लगाया गया है। एक-एक दल को कांचीपुरम और महाबलीपुरम में लगाया गया है।'

मौसम विभाग का क्या कहना है : क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने बताया कि वरदा रविवार को दोपहर ढाई बजे चेन्नई से 330 किलोमीटर पूर्व में केंद्रित था और यह सोमवार दोपहर उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश को अपनी चपेट में लेने से पहले पश्चिम की ओर बढ़ेगा। 

'एरिया साइक्लोन वार्निंग सेंटर' के निदेशक एस बालचंद्रन ने बताया कि इसके प्रभाव से बारिश आज रात में शुरू हो जाएगी और कल चेन्नई, तिरूवल्लूर तथा कांचीपुरम जिलों में धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी। 12 दिसंबर को इन जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। 80 से 90 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं बह सकती हैं। उन्होंने बताया कि समुद्र अशांत रहेगा। साथ ही मछुआरों को अगले 48 घंटों में समंदर में नहीं उतरने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम ने तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकारण की एक बैठक की जिसने सशस्त्र बलों से भी तैयार रहने को कहा। तमिलनाडु सरकार ने विल्लपुरम के तटीय तालुकों के अलावा चेन्नई, कांचीपुरम और तिरूवल्लूर में शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां घोषित कर दी है। 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार शाम कलेक्टरों और शीर्ष अधिकारियों के साथ टेलीकांफ्रेंस के जरिए हालात की समीक्षा की। उन्होंने उन्हें अलर्ट रहने और जरूरी राहत एवं बचाव कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं तैयार रखी जाएं।
 
नायडू ने अधिकारियों को कहा कि जान को नुकसान और फसल एवं संपत्ति को नुकमान कम करने के लिए हर कदम उठाए जाएं। तमिलनाडु सरकार की विज्ञप्ति के मुताबिक निचले और जोखिम वाले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। आवाश्यक भोजन, पानी और अन्य बंदोबस्त के साथ राहत केंद्रों को तैयार रखा जाएगा। आवश्यकतानुसार सेना, नौसेना, वायुसेना और तट रक्षक को अलर्ट रखा गया है। तमिलनाडु सरकार ने लोगों से भारी बारिश के दौरान घरों में रहने को कहा है।
 
विज्ञप्ति के मुताबिक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और रेसक्यू सेवाओं के कर्मियों को पहले ही तैयार रहने की स्थिति में रख दिया गया है और जरूरत के मुताबिक उनका फौरन उपयोग किया जाएगा। (भाषा)