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Last Updated :जयपुर , रविवार, 17 सितम्बर 2017 (10:02 IST)

अलवर के सांसद महंत चांदनाथ का निधन

अलवर के सांसद महंत चांदनाथ का निधन - Alwar MP Mahant Chandnath dies
नई दिल्ली। अलवर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद महंत चांदनाथ का लंबी बीमारी के बाद शनिवार देर रात निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और नाथ सम्प्रदाय से ताल्लुक रखने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
 
महंत चांदनाथ 61 वर्ष के थे। सूचनाओं के मुताबिक, वह दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। भाजपा के राज्य प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बताया कि चांदनाथ कैंसर से पीड़ित थे।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है, 'अलवर से लोकसभा सांसद महंत चांदनाथ जी के निधन से शोकाकुल हूं। उन्हें उनके महान सामाजिक कार्यों के लिए याद किया जाएगा। मेरी गहरी संवेदना.....।'
 
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने टि्वटर पर लिखा है, 'अलवर के सांसद महंत चांदनाथ जी के निधन पर शोक व्यक्त करती हूं। उनका निधन मेरे और समस्त भाजपा परिवार के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।'
 
महंत के निधन पर शोक जताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लिखा है, 'अलवर से लोकसभा सांसद महंत चांदनाथ जी के निधन की सूचना से दुखी एवं शोक संतप्त हूं। उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ॐ शांति ॐ।'
 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टि्वटर पर लिखा है, 'नाथ सम्प्रदाय के प्रतिष्ठित, श्री बाबा मस्तनाथ मठ के महंत एवं अलवर से भाजपा सांसद चांदनाथ जी का निधन समस्त समाज खासकर सम्पूर्ण नाथ सम्प्रदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।'
 
दिल्ली के बेगमपुर में 21 जून 1956 को जन्म महंत चांदनाथ ने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से शिक्षा हासिल की।
 
वह वर्ष 2004 से 2008 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे। 2014 लोकसभा चुनाव में वह अलवर से भाजपा के लिए लोकसभा सदस्य चुने गए। लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह को हराया था। वह मानव संसाधन विकास मामलों पर स्थाई समिति और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मामलों पर सलाहकार समिति के सदस्य थे।
 
उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने संस्कृत भाषा के पाठ्यक्रमों प्रग्या, विशारद, शास्त्री और आचार्य की शिक्षा को बढ़ावा दिया।
 
चांदनाथ18 साल की उम्र में नाथ सम्प्रदाय के साधु बन गए। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में हठ योग को बढ़ावा दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया है। उन्होंने परमार्थ अस्पताल खोले हैं। (भाषा) 
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