राजस्थान की सियासत में नया मोड़, CM रेस में शामिल महंत बालकनाथ का चौंकाने वाला बयान
राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी के दिग्गजों में चल रही रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री की रेस में सबसे अहम दावेदार महंत बालकनाथ योगी ने सोशल मीडिया के जरिए एक बड़ा बयान दिया है। महंत बालकनाथ योगी ने सोशल मीडिया पर लिखा “मुझे पार्टी व माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बना कर राष्ट्रसेवा करने का अवसर दिया है। चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नज़र अंदाज़ करें। अभी मुझे माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में बहुत अनुभव प्राप्त करना है”।
दरअसल राजस्थान में भाजपा के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महंत बालकनाथ योगी का नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहा है। सोशल मीडिया पर तो महंत बालकनाथ योगी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फर्जी लेटर भी वायरल हो चुका है। ऐसे में अब खुद महंत बालकनाथ योगी की तरफ से इस तरह का बयान आने के कई सियासी संकेत है। महंत बालकनाथ ने अपनी पोस्ट में पहली बार सांसद और विधायक बनने का जिक्र करने के साथ सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजर अंदाज करने की अपील की है। ऐसे में सवाल यहीं उठ रहा है कि क्या महंत बालकनाथ योगी अब मुख्यमंत्री की रेस में नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच विधायक का चुनाव जीतने के बाद महंत बाबा बालकनाथ योगी ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बिजारा विधानसभा सीट से चुनाव जीते महंत बालकनाथ योगी हिंदुत्व के फायर ब्रांड चेहरे है और पार्टी विधानसभा चुनाव में महंत बालकनाथ योगी के जरिए अपने हिंदुत्व के मुद्दें को खूब धार दी थी। वही विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा ने कन्हैया लाल हत्याकांड का मुद्दा उठाया, उससे वोटर्स का ध्रुवीकरण हुआ और चुनाव में भाजपा को इसका सीधा लाभ मिला।
बाबा बालकनाथ भाजपा के जातिगत समीकरण में फिट बैठते है। ओबीसी समुदाय से आने वाला बाबा बालकनाथ के जरिए भाजपा ओबीसी एजेंडे को साधकर एक संदेश दे सकती है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बाबा बालकनाथ पर पार्टी दांव खेल सकती थी। ऐसे में अब महंत बालकनाथ योगी के नए बयान के बाद फिर राजस्थान का सियासी पारा गर्मा गया है।