महाकुंभ हादसे पर योगी के मंत्री के बिगड़े बोल, बड़े आयोजनों में छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं
संजय निषाद के बयान पर मचा बवाल
प्रयागराज महाकुंभ हादसे पर योगी सरकार के मंत्री का विवादित बयान सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद समाज पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उत्तरप्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि जहां बड़े आयोजन होते हैं, वहां छोट-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। आज महाकुंभ में करीब 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। महाकुंभ में अब तक 19 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में मची भगदड़ में करीब 14 लोगों के मारे जाने की खबर है।
निषाद ने कहा कि यह घटना दुखद है। हमारी संवेदनाएं हैं। अगली बार कोशिश होगी कि जिन जगहों पर घाट बने हों, केवल उन्हीं जगहों पर स्नान का प्रबंध किया जाए।
मचा बवाल तो दी सफाई : निषाद ने बयान पर बवाल मचने के बाद सफाई दी। उन्होंने कहा कि जुबान की चूक हो गई।
उत्तरप्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
आप ने वीआईपी मूवमेंट को बताया जिम्मेदार : आप के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि महाकुंभ में वीआईपी मूवमेंट के चलते रास्ते बंद करने और बड़े स्तर पर बद-इंतजामी की वजह से यह भगदड़ हुई है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मृतकों को अपने पवित्र चरणों में स्थान दें। कई अखाड़ों ने वहां की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सेना को देने का निवेदन किया था, लेकिन उसे नहीं माना गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि सरकार महाकुंभ में वीआईपी मूवमेंट को बंद करे। वहां सभी एक आम आदमी की तरह जाएं और स्नान करके वापस आएं।
उन्होने कहा कि वहां से जो दृश्य आए हैं वह बेहद भयावह और पीड़ादायक हैं। एक महिला अपने किसी परिजन को मुंह से ऑक्सीजन देकर उसे जिंदा रखने की कोशिश कर रही थी। कई सारे ऐसे वीडियो आए जिसमें इस भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों को स्ट्रेचर पर लेकर जाया जा रहा है। परम पूज्य महामंडलेश्वर प्रेमानंद महाराज के अनुसार लगभग 20 से 25 अखाड़ों ने बार-बार निवेदन किया कि महाकुंभ में भीड़ बहुत बढ़ रही है। सरकार यहां की व्यवस्था देश की सेना के हवाले दे दे। मुझे लगता है कि इसमें कोई बुराई नहीं थी। भारतीय सेना ऐसे हर मौके पर आगे आकर व्यवस्था को बनाने में अपना सहयोग देती है लेकिन अखाड़ों के इस निवेदन को नहीं माना गया।