महाकुंभ के दौरान काशी विश्वनाथ की आरती का बदलेगा समय
Kashi Vishwanath Temple : प्रयागराज में 45 दिन चलने वाले महाकुंभ पर वैसे तो मां गंगा के भक्त पूरे देश में उत्साहित हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की काशी नगरी भी महाकुंभ के स्वागत को तैयार है। देखा गया है कि देश-विदेश से आए श्रद्धालु गंगा-जमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करके बाबा की नगरी काशी में आशुतोष भगवान का जलाभिषेक करके खुद को धन्य करते हैं। विश्वनाथ मंदिर न्यास ने भक्तों की बढ़ती संख्या और सुविधा का ख्याल रखने के लिए 13 जनवरी से 12 फरवरी 2025 तक सामान्य दिनों में होने वाली आरती और महाकुंभ के दौरान और आरती भोग के समय में परिवर्तन किया है।
महाकुंभ में करोडों श्रद्धालु डुबकी लगाकर पाप से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। अधिकांश भक्त बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में औघड़दानी का जलाभिषेक और पूजा भी करते हैं। जिसके चलते श्री विश्वनाथ मंदिर न्यास की नए शेड्यूल में महाकुंभ के लिए चार प्रहर की आरती का नया समय जारी किया गया है, जिसमें मंगला आरती, मध्याह्न भोग, सप्तर्षि और शयन आरती के समय में 15-15 मिनट का समय घटाया व बढ़ाया गया है।
विश्वनाथ मंदिर न्यास की सारणी के मुताबिक मंगला आरती का समय सुबह में 2:45 बजे से 3:45 बजे तक किया गया है। वहीं महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा की मंगला आरती का समय 2:15 बजे से 3:15 बजे तक रखा गया है। मध्याह्न भोग आरती 11:35 बजे से 12:15 बजे तक होगी। काशी में बाबा की सप्तऋषि आरती शाम को 7 बजे से 8 बजे तक होगी, हालांकि महाशिवरात्रि के अवसर पर सप्तऋषि आरती नहीं होगी।
पूर्णिमा के अवसर पर शाम को 6:15 बजे से 7:15 बजे तक की जाएगी। श्रृंगार भोग आरती का समय रात्रि 8:45 बजे से 9:45 बजे तक का रखा गया है जबकि शयन आरती का समय 10.30 ही रहेगा। महाकुंभ मेला के दौरान पड़ने वाले सोमवार यानी 20, 27 जनवरी और 3,10, 17, 24 फरवरी 2025 की तारीख को श्रृंगार-भोग आरती का समय रात्रि 9 बजे और शयन आरती रात्रि 10.45 पर होगी।
26 फरवरी को भोले भंडारी के विशेष पूजा-अर्चना का दिन महाशिवरात्रि पर्व है। तीर्थराज प्रयाग में डुबकी के बाद नागा संप्रदाय और अखाड़ों से जुड़े श्रद्धालु श्री विश्वनाथ मंदिर में आकर भोले भंडारी का जलाभिषेक करके दर्शन लाभ पाते हैं। इस अवसर पर बाबा के भक्तों का सैलाब भी मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करता है। मंदिर से जुड़ी परंपरा के मुताबिक, बाबा विश्वनाथ की तीन आरती महाशिवरात्रि पर नहीं होती हैं।
इस दिन प्रातः मंगला आरती 2.15 महादेव के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे, मध्याह्न में होने वाली भोग आरती दोपहर 11.35 से शुरू होकर 12.35 तक चलेगी। महाशिवरात्रि पर मंदिर में सप्तऋषि आरती, श्रृंगार-भोग आरती और शयन आरती नहीं होती है। यह दिन भोले के भक्तों के लिए अनूठा होता है, क्योंकि मंदिर में मंगल आरती के खुले पट पूरी रात्रि बंद नहीं होते हैं।