शुक्रवार, 19 जुलाई 2024
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Written By WD Feature Desk

Mangla Teras Vrat: मंगला तेरस आज, जानें महत्व और कैसे प्रसन्न होंगी देवी पार्वती

Mangla Teras Vrat: मंगला तेरस आज, जानें महत्व और कैसे प्रसन्न होंगी देवी पार्वती - mangala teras puja 2024
Mangla Teras 2024
 
Highlights 
 
- माता पार्वती को प्रसन्न करने वाला व्रत।
- मंगला तेरस व्रत के दिन होगी शिव-पार्वती की पूजा।
Lord Shiv Pravati Worship : धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन एक विशेष व्रत किया जाता है, जिसे मंगला तेरस के नाम से जाना जाता है। इस बार वर्ष 2024 में यह व्रत 19 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को किया जा रहा है। इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जा रहा हैं। 
 
मंगला तेरस व्रत का रहस्य भगवान श्रीहरि विष्णु ने देवी लक्ष्मी को बताया था। इस व्रत को ही अन्य नाम जया-पार्वती/ विजया-पार्वती व्रत के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह व्रत श्रावण/सावन मास शुरू होने से पहले पड़ता है, इसीलिए यह व्रत अधिक महत्व का और चमत्कारी माना गया है। यह व्रत शिव जी की अर्धांगिनी माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, तथा इस दिन प्रमुख रूप से देवी पार्वती की पूजा की जाती है। 
 
मान्यतानुसार आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के इस व्रत को मंगला तेरस के नाम से जाना जाता है। इस दिन माता पार्वती को लाल चुनरी, लाल चुड़ियां, कुमकुम और सुहाग की चीजें अर्पित करने से माता प्रसन्न होती हैं। पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की खास तौर पर पूजा की जाती है। मंगला तेरस के दिन मां पार्वती का पूरे दिन मनपूर्वक स्मरण करने से जीवन मंगलमयी होता है। इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करके दिन भर व्रत रखकर सायंकाल में खीर का भोग कर उसी प्रसाद से अपना व्रत खोलने से भी देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं। 
 
यदि किसी भी व्यक्ति को भगवान शिव जी को प्रसन्न करना हो तो उसे प्रदोष और मंगला तेरस व्रत अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इस व्रत से भोलेनाथ प्रसन्न होकर सभी सुख, पुत्र प्राप्ति का वरदान देते हैं और सांसारिक जीवन को खुशियों से भर देते हैं। अत: आषाढ़ मास की त्रयोदशी यानी मंगला तेरस व्रत के दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती हैं, दुर्भाग्य दूर होकर सौभाग्य बढ़ता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, पुत्र प्राप्ति तथा कुंआरी युवतियां योग्य वर की कामना से यह रखती हैं। 
व्रत के मंत्र :
 
- ॐ शिवाये नम:। 
- ॐ पार्वत्यै नमः 
- ॐ उमामहेश्वराभ्यां नम: 
- ॐ गौरये नम: 
- ॐ नम: शिवाय।
 
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