Highlights
* 2024 में कब है विजया पार्वती व्रत।
* जया पार्वती व्रत का महत्व क्या हैं।
* आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी व्रत की कथा।
Vijaya Parvati Vrat 2024 : धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रतिवर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर विजया/जया-पार्वती व्रत किया जाता हैं। इसे जया-पार्वती अथवा विजया-पार्वती व्रत के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2024 में जया-पार्वती व्रत 19 जुलाई, दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।
महत्व : विजया-पार्वती व्रत से माता पार्वती को प्रसन्न किया जाता है। यह विशेषकर मालवा क्षेत्र का लोकप्रिय पर्व है, यह व्रत हरतालिका तीज, मंगला गौरी व्रत, गणगौर या बहुत हद तक सौभाग्य सुंदरी व्रत की तरह ही माना जा सकता है। इसे कहीं-कहीं 1 दिन और 5 दिनों तक मनाया जाता है। इसमें बालू रेत का हाथी बना कर उन पर 5 प्रकार के फल, पुष्प और भोग या प्रसाद चढ़ाते हैं।
धार्मिक पुराणों के अनुसार इस व्रत में बिना नमक का ज्वार से बना भोजन एक समय ही किया जाता है। इस व्रत का रहस्य भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी को बताया था। इस व्रत के विशेष महत्व और मान्यतानुसार यह महिलाओं द्वारा किया जाने वाला व्रत हैं तथा विजया-पार्वती व्रत को करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होने का वरदान मिलता है। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने तथा सुहागिनें पति की दीर्घायु के लिए रखती है।
आइए यहां जानें विजया-पार्वती व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त : Vijaya Parvati Vrat Puja Vidhi n Muhurat 2024
पूजन कैसे करें :
- आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करें।
- तत्पश्चात व्रत का संकल्प करके माता पार्वती का स्मरण करें।
- घर के मंदिर में शिव-पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- फिर शिव जी- माता पार्वती को कुंमकुंम, शतपत्र, कस्तूरी, अष्टगंध और पुष्प चढ़ाकर उनका पूजन करें।
- अब श्रीफल, अनार व अन्य सामग्री अर्पित करें।
- और विधि-विधान से षोडशोपचार पूजन करें।
- माता पार्वती का स्मरण कर स्तुति करें।
- फिर मां पार्वती का ध्यान धरकर सुख, सौभाग्य, गृह शांति के लिए प्रार्थना करके सच्चे मन से अपने द्वारा हुई गलतियों की माफी मांगें।
- मंत्र- ॐ शिवाय नम: का अधिक से अधिक जाप करें।
- व्रत कथा का श्रवण करें, उसके बाद आरती कर पूजन संपन्न करें।
- ब्राह्मण को भोजन करवाएं और इच्छानुसार दान-दक्षिणा देकर चरण छू कर आशीर्वाद लें।
- यदि आपने बालू रेत का हाथी बनाया है तो रात्रि जागरण के पश्चात उसे नदी या जलाशय में विसर्जित करके प्रार्थना करें।
शुक्रवार, 19 जुलाई 2024 जया पार्वती व्रत के शुभ मुहूर्त :
वर्ष 2024 में जया-पार्वती व्रत/ आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी का प्रारंभ- 18 जुलाई 2024 को रात्रि 08:44 मिनट से होगा।
त्रयोदशी तिथि का समापन- 19 जुलाई 2024 को शाम 07:41 मिनट पर होगी।
प्रदोष पूजा का शुभ समय- 19 जुलाई को शाम 07:19 मिनट से 09:23 मिनट तक।
कुल अवधि - 02 घंटे 03 मिनट्स।
जया पार्वती व्रत का समापन- 24 जुलाई 2024, दिन बुधवार को।
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