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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 26 अगस्त 2025 (12:06 IST)

Mahalakshmi Vrata 2025: महालक्ष्मी व्रत कब रखा जाएगा, कब होगा समापन, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Mahalakshmi Puja
Mahalaxmi Puja 2025: इस बार महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला 3 दिवसीय ज्येष्ठ गौरी व्रत 31 अगस्त से शुरू हो रहा है। ज्येष्ठा गौरी देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, और ज्येष्ठ गौरी आवाहन या पूजा महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है।ALSO READ: Rishi Panchami 2025: ऋषि पंचमी व्रत की पौराणिक कथा
 
यह त्योहार देवी गौरी को समर्पित होता है, जो धन, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक हैं। इस तीन दिवसीय उत्सव में देवी गौरी की मूर्ति घर लाई जाती है (गौरी आवाहन), दूसरे दिन उनकी पूजा-अर्चना की जाती है (गौरी पूजन), और तीसरे दिन मूर्ति का विसर्जन किया जाता है (गौरी विसर्जन)। 
 
1. गौरी आवाहन:
पहले दिन घरों में देवी गौरी की मूर्ति स्थापित की जाती है, जिसे गौरी आवाहन कहते हैं। 
 
2. गौरी पूजन:
दूसरे दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। देवी को सोलह प्रकार की सब्जियां, मिठाइयां, चावल के व्यंजन और फल अर्पित किए जाते हैं। 
 
3. गौरी विसर्जन:
तीसरे दिन देवी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। 
 
ज्येष्ठा गौरी/ महालक्ष्मी व्रत समय और मुहूर्त 2025:
 
ज्येष्ठा गौरी/ महालक्ष्मी व्रत समय और मुहूर्त 2025:
आवाहन 31 अगस्त 2025, रविवार को सायं 5:25 बजे तक चंद्र अनुराधा नक्षत्र।
पूजन - 01 सितंबर 2025 को
विसर्जन- मंगलवार 2 सितंबर 2025, रात्रि 9:50 बजे तक मूल नक्षत्र।
 
इस तरह 3 दिवसीय ज्येष्ठा गौरी व्रत 31 अगस्त से शुरू होकर 2 सितंबर 2025 को इसका समापन होगा। इसके साथ ही सोलह दिवसीय महालक्ष्मी पर्व भी इस वर्ष 31 अगस्त 2025 से शुरू होकर 14 सितंबर 2025 तक चलेगा। यह व्रत पूरे 16 दिनों तक चलता है और माना जाता है कि इसे करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और दरिद्रता दूर होती है। 
 
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