21 जून 2020, रविवार को हलहारिणी अमावस्या भी है। इसी दिन सूर्य ग्रहण और फादर्स डे का भी संयोग बन रहा है। इसी के साथ इसी दिन अंतराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाएगा। इस बार 21 जून को एकसाथ चार संयोग बन रहे हैं। इस बार कोरोना के चलते हलहारिणी अमावस्या के दिन नदियों में स्नान करने की जगह घर में ही गंगा जल की कुछ बूंदे पानी में मिलाकर स्नान करना उचित रहेगा।
हिन्दू धर्म में अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण है। हलहारिणी अमावस्या के दिन हल का पूजन, सूर्य पूजन एवं अर्घ्य देना तथा पितरों का तर्पण करना अतिफलदायी रहेगा।
आइए जानें इस दिन पितरों को तृप्त और प्रसन्न करने के सरल उपाय-
1. प्राचीन शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं, अत: पितरों की तृप्ति के लिए इस तिथि का अत्यधिक महत्व है।
2. इसी दिन सूर्य ग्रहण होने से ग्रहण काल के दौरान घर के पूजा स्थल में मूर्तियों का स्पर्श नहीं करना उचित रहेगा तथा गायत्री मंत्र, महामृत्युजंय मंत्र और सूर्य मंत्र का जाप करना लाभदायी रहेगा।
3. अमावस्या का दिन पितरों की स्मृति करने और श्रद्धा भाव से उनका श्राद्ध करने के लिए अत्यंत शुभ होता है।
4. इस दिन बहुत से जातक अपने पितरों की शांति के लिए हवन, ब्रह्मभोज आदि कराते हैं और साथ ही दान-दक्षिणा भी देते हैं।
5. इस दिन अंतराष्ट्रीय योग दिवस होने से जीवन में योग को अपनाना शुभ रहेगा और सेहतमंद बने रहने में मदद मिलेगी।
6. अमावस्या उपवास को करने से मनोवांछित उद्देश्य़ की प्राप्ति होती है।
7. इसी दिन फादर्स डे होने के कारण पितृ पूजन करना, पिता की सेवा अथवा उनकी आज्ञा का पालन करने चाहिए।
8. विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धा भाव से अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण ही तृप्त नहीं होते, अपितु ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्नि, अष्टवसु, वायु, विश्वदेव, ऋषि, मनुष्य, पशु-पक्षी और सरीसृप आदि समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं।
9. जिन व्यक्तियों की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतानहीन योग बन रहा हो या फिर नवम भाव में राहु नीच के होकर स्थित हो, उन व्यक्तियों को अमावस्या पर उपवास अवश्य रखना चाहिए।
10. हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है।
11. शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि देवों से पहले पितरों को प्रसन्न करना चाहिए, तभी किसी भी पूजन का वांछित फल प्राप्त होता है।