Dasha Mata Vrat 2025 : दशा माता व्रत हिन्दू धर्म में विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है। यह व्रत चैत्र कृष्ण दशमी को रखा जाता है। यह व्रत महिलाएं अपने घर की सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं कच्चे सूत के धागे का काफी महत्व है, जिसे दशा माता का डोरा कहा जाता है। वर्ष 2025 में 24 मार्च, सोमवार को यानी आज दशा माता व्रत रखा जा रहा है। मान्यता है कि इस व्रत यानी दशा माता की कृपा से घर की दशा और दिशा सकारात्मक हो जाती है तथा यदि ग्रहों की प्रभाव प्रतिकूल हो तो वह भी दूर होता है।
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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दशा माता व्रत के दिन कच्चे सूत के 10 तार के डोरे में 10 गांठ लगाई जाती हैं। इसके बाद पीपल के पेड़ पर इसकी पूजा की जाती है। इस डोरे की पूजा करने के बाद महिलाएं इसे पूरे साल पहनती हैं।
दशा माता व्रत का महत्व: यह व्रत घर की दशा यानी स्थिति को सुधारने के लिए किया जाता है। ऐसा कहते हैं कि जो भी दशा माता की पूजा सच्चे मन से करता है, उसके घर से दुख और दरिद्रता दूर हो जाती है। यह व्रत ग्रहों की प्रतिकूल दशा को दूर करने और परिवार की उन्नति के लिए किया जाता है।
दशा माता व्रत की पूजा विधि: Dasha Mata Puja Vidhi
- दशा माता व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- दशा माता की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
- दशा माता को पीले फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- दशा माता के मंत्रों का जाप करें।
- दशा माता व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
- इस दिन महिलाएं 10 गांठ का डोरा पहनती हैं, और इसकी पूजा की जाती है। इस डोरे को गले में भी पहना जाता है।
- व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- शाम को दशा माता की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
दशा माता व्रत के दिन क्या करें, क्या न करें:
- दशा माता के मंदिर में जाएं।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
- दशा माता की कथा का पाठ करें।
- तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें।
- झूठ न बोलें और किसी को धोखा न दें।
- क्रोध न करें और शांत रहें।
- किसी भी जीव को नुकसान न पहुंचाएं।
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