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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 22 अगस्त 2024 (17:38 IST)

शनि त्रयोदशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व?

Pradosh Vrat
Shani Pradosh 2024: 31 अगस्त 2024 शनिवार के दिन शनि प्रदोष रहेगा। इसे शनि त्रयोदशी भी कहते हैं क्योंकि त्रयोदशी यानी तेरस के दिन प्रदोष व्रत रहता है। भाद्रपद मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी का यह व्रत रखने से भगवान शिव के साथ ही शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी।
 
1. पुत्र रत्न की प्राप्ति : शनि प्रदोष का विधिवत व्रत रखने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
 
2. मनोकामना होगी पूर्ण : शनि प्रदोष का व्रत रखते से हर तरह की मनोकामना भी पूर्ण होती है।
 
3. नौकरी में पदोन्नति : शनि प्रदोष का व्रत विधिवत रखने से नौकरी में पदोन्नति की प्राप्ति के योग भी बनते हैं।
 
5. शिवजी का मिलता आशीर्वाद : प्रददोष का व्रत करने से शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
 
6. अभीष्ट फल की प्राप्ति : शनि प्रदोष के व्रत को पूर्ण करने से अतिशीघ्र कार्यसिद्धि होकर अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। सर्वकार्य सिद्धि हेतु शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई भी 11 अथवा एक वर्ष के समस्त त्रयोदशी के व्रत करता है तो उसकी समस्त मनोकामनाएं अवश्य और शीघ्रता से पूर्ण होती है।
 
7. चंद्र दोष होता है दूर : प्रदोष रखने से आपका चंद्र ठीक होता है। अर्थात शरीर में चंद्र तत्व में सुधार होता है। माना जाता है कि चंद्र के सुधार होने से शुक्र भी सुधरता है और शुक्र से सुधरने से बुध भी सुधर जाता है। प्रदोष का व्रत करने से कुंडली में स्थित चंद्र दोष समाप्त हो जाता है।
 
8. मानसिक बैचेनी खत्म और दूर होती है दरिद्रता : हर माह के दोनों प्रदोष के व्रत को रखने से मन की बैचेनी और भय का समाधान हो जाता है। इससे दरिद्रता भी दूर हो जाती है।
 
9. शनिदेव का मिलता आशीर्वाद : शनि प्रदोष का व्रत रखने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत को रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
 
10. लंबी आयु होती प्राप्त : इस व्रत को करने से जातक को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि ये व्रत रखने वाले जातकों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
 
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