• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. व्रत-त्योहार
  4. »
  5. अन्य त्योहार
Written By WD

रोहिणी-शकट भेदन

शनि ग्रह रोहिणी
यदि रोहिणी-शकट भेदन कर दे तो पृथ्वी पर बारह वर्ष घोर दुर्भिक्ष पड़ जाए और प्राणियों का बचना ही कठिन हो जाए। शनि ग्रह जब रोहिणी का भेदन कर बढ़ जाता है, तब यह योग आता है।

ऐसा ही योग महाराज दशरथ के समय में आने वाला था। जब
ज्योतिषियों ने महाराज दशरथ से बताया कि यदि शनि का योग आ जाएगा तो प्रजा अन्न-जल के बिना तड़प-तड़प कर मर जाएगी।

प्रजा को इस कष्ट से बचाने के लिए महाराज दशरथ अपने रथ पर सवार होकर नक्षत्र मंडल में पहुँचे।

सर्वप्रथम महाराज दशरथ ने शनि देवता को प्रणाम किया और बाद में क्षत्रिय-धर्म के अनुसार उनसे युद्ध करते हुए उन पर संहारास्त्र का संधान किया।

शनि देवता महाराज की कर्तव्यनिष्ठा से परम प्रसन्न हुए और उनसे वर माँगने के लिए कहा।

महाराज दशरथ ने वर माँगा कि जब तक सूर्य, नक्षत्र आदि विद्यमान हैं, तब तक आप शकट-भेदन न करें। शनिदेव ने उन्हें वर देकर संतुष्ट कर दिया।