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Written By भाषा
Last Modified: बीजिंग (भाषा) , गुरुवार, 21 अगस्त 2008 (23:29 IST)

क्यूबाई मुक्केबाजों की रग-रग में बसा है खेल

ओलिम्पिक मुक्केबाजी
बीजिंग ओलिम्पिक से डेढ़ बरस पहले क्यूबा के पाँच सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज देश छोड़कर चले गए जिससे इस कैरेबियाई देश को ज्यादा पदक मिलने की उम्मीद नहीं थी लेकिन इसके मुक्केबाजों ने साबित कर दिखाया कि यह खेल उनकी रग-रग में बसा है।

दिसंबर 2006 में ओडलेनियर सोलिस, यान बार्टेलेमी और यूरियोरकिस गाम्बोआ गायब हो गए। सोलिस ने एथेंस ओलिम्पिक में हैवीवेट खिताब और तीन विश्व खिताब जीते थे जबकि यान ने लाइट फ्लाइवेट और गाम्बोआ ने फ्लाइवेट में ओलिम्पिक स्वर्ण जीता था।

यही नहीं वेनेजुएला में पेन अमेरिकी खेलों के बाद दोहरे ओलिम्पिक और विश्व चैम्पियन बेंटमवेट मुक्केबाज गुलिरेमो रिगनडिआक्स और 2005 के वेल्टरवेट चैम्पियन एरिस्लेंडी लारा भी गायब हो गए।

अपने पाँच सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों को खोने के बावजूद क्यूबा ने बीजिंग ओलिम्पिक में कमाल कर दिखाया है। इसके 10 में से आठ मुक्केबाज यहासेमीफाइनल में पहुँच गए हैं। कोई दूसरा देश उसके करीब भी नहीं फटक सका है। कोच पेड्रो रोके को अपने खिलाड़ियों पर फख्र होना लाजमी है।

उन्होंने कहा क्यूबाई लोगों को कई बार यह समझाना मुश्किल हो जाता है कि एक टीम बनाना कितना मुश्किल है क्योंकि इतने सारे मुक्केबाज देश छोड़कर चले गए थे जब ओलिम्पिक में एक ही साल बाकी था। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि हमारे लिए पदकों का दरवाजा खुल गया है। मुझे अपने खिलाड़ियों पर नाज है।