अहमदाबाद। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि सरकार ने प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को दूसरे व्यक्ति के माध्यम से मतदान करने यानी प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने का निर्णय ले लिया है और इस संबंध में कानून में संशोधन की संसदीय प्रक्रिया ही बाकी है।
श्रीमती स्वराज ने आज यहां सत्तारुढ़ भाजपा के महिला टाउन हॉल कार्यक्रम के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि पहले एनआरआई को वोट देने के लिए भारत आना पड़ता था और उन्हें प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने का मामला लंबे समय से लंबित था। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में निर्णय लिया और इसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। इसके लिए अब जरूरी कानूनी संशोधन की प्रक्रिया भर बाकी है।
इस फैसले से एनआरआई किसी अन्य को अधिकृत कर उसके माध्यम से मतदान कर सकेगा। वह व्यक्ति संबंधित बूथ पर अधिकार पत्र दिखा कर उसके लिए मतदान कर सकेगा। हालांकि जिसे भी यह अधिकार मिले उसे विश्वास तोड़ने जैसा काम नहीं करना होगा। उसे उसी दल को वोट देना चाहिए जिसे देने के लिए एनआरआई ने मर्जी जताई हो। यह पूरी तरह विश्वास का मामला है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार बाहर महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन दबाओ योजना भी लाने वाली है। इसके तहत कोई एक ही नंबर बार-बार दबाने पर जीपीएस प्रणाली के जरिए पुलिस तुरंत उस जगह पर पहुंच जाएगी। बेटी बचाओं में भी सुरक्षा संबंधी पहलू जैसे आत्मरक्षा के लिए जूडो-कराटे आदि सिखाना जोड़ा जा रहा है।
यहां जीएमडीसी सभाकक्ष से 32 केंद्रों और सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से एक लाख महिलाओं से जुड़ाव के इस कार्यक्रम के दौरान श्रीमती स्वराज ने कहा कि महिलाओं की समस्या मूल रूप से तीन वर्ग सुरक्षा, स्वावलंबन और सशक्तीकरण से जुड़ी होती हैं और इनके हल से उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि इन तीनों के मामले में भाजपा ने अच्छा काम किया है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बेटी बचाओ योजना के अलावा कई सामाजिक कदम उठाये गए हैं। मुद्रा योजना के तहत दिए गए चार लाख करोड़ के ॠण का 76 प्रतिशत महिलाओं को दिया गया है। गुजरात सरकार ने अपनी कुल 1480 योजनाओं में से 653 महिला लक्षी रखी हैं जिनमें 142 पूरी तरह महिलाओं के लिए हैं। राज्य में चार साल से महिलाओं पर आधारित जेंडर बजट भी तैयार हो रहा है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्होंने तलाकशुदा महिला के लिए पूर्व पति का नाम दर्ज कराने, अनाथ बच्चों के लिए जन्मतिथि, एकल माताओं के लिए पति का नाम दर्ज कराने जैसी कई व्यावहारिक चीजें पासपोर्ट नियमों के सरलीकरण के दौरान हटा दी हैं और इनका महिलाओं ने खूब स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि विरोधी दल भाजपा को महिला विरोधी कहकर दुष्प्रचार करते रहे हैं, पर इस पार्टी ने चार-चार महिला मुख्यमंत्री बनाए, चार ऐसे राज्यपाल बनाए, आज मोदी सरकार में छह कैबिनेट मंत्री समेत कुल 9 महिला मंत्री हैं जबकि पिछली यूपीए सरकार में मात्र दो थीं, पहली बार सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस में मेरे और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के रूप में दो महिलाएं हैं। आजादी के बाद से लेकर मोदी सरकार बनने तक चार मंत्री सदस्य वाली इस महत्वपूर्ण समिति में एक भी महिला नहीं थी। पहली बार मैं आई और अब सीतारमण भी आ गई हैं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को सामरिक तौर पर और संयुक्त राष्ट्रीय जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच दोनों के जरिए जवाब दिया जाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में परिवार का बहुत सहयोग मिला है और सलाह दी कि श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बंटे मन से काम नहीं होना चाहिए। परिवार में पारिवारिक दायित्व और कार्यालय में उसके दायित्व का पूरे मन से निर्वाह किया जाना चाहिए। उन्होंने घर में केवल पत्नी और अपनी इकलौती बेटी की मां की भूमिका ही निभाई है वहां सांसद या मंत्री जैसा बर्ताव नहीं किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से आरएसएस में महिलाओं के नहीं होने को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह अभद्र और अशोभनीय भाषा वाले इस सवाल का जवाब नहीं देंगी।
अहमदाबाद निवासी एक मुस्लिम महिला आयशा जावेद के तीन तलाक पर प्रतिबंध लगने में 70 साल लगने के बारे में पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि असल में शरीयत कानून के नाम पर मुस्लिम समाज के भीतर से विरोध के चलते इसमें 1300 साल लग गए। हिन्दू समाज की सती प्रथा, बाल विवाह आदि कुरितियों को इसके ही समाज सुधारकों ने दूर किया।
देश में अन्य कई समस्याओं पर खर्च करने की बजाय मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना शुरू करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह जापान सरकार से मिले बेहद सस्ते कर्ज के जरिए शुरू होनी है, इसलिए यह नहीं कह सकते कि इससे अर्थतंत्र पर कोई बोझ आया है। इससे विकास की गति तेज होगी।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि खाड़ी के युद्धग्रस्त देशों से बड़ेपैमाने पर भारतीय और अन्य नागरिकों को निकालने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्राध्यक्षों से निजी और मैत्रीपूर्ण संबंध भी काम आ रहे हैं। (वार्ता)