माघ मास की गुप्त नवरात्रि की कथा
Gupta Navaratri 2025: इस वर्ष 30 जनवरी 2025, दिन गुरुवार से माघ मास की गुप्त नवरात्रि आरंभ हो गई है। गुप्त नवरात्रि के दौरान दस महाविद्या यानि मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। तांत्रिक क्रिया और शक्ति साधना के इस पावन पर्व पर गुप्त नवरात्रि की कथा पढ़ी या सुनीं जाती हैं।
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कई धार्मिक ग्रंथों में गुप्त नवरात्रि की कथा का वर्णन मिलता है, जिनमें से कुछ प्रमुख कथाएं इस प्रकार हैं:
1. पहली कथा:
एक समय ऋषि श्रृंगी अपने भक्तों को दर्शन दे रहे थे। तभी अचानक से भीड़ से एक स्त्री निकलकर सामने आई। उस स्त्री ने ऋषि श्रृंगी से कहा कि मेरे पति हमेशा गलत कामों से घिरे रहते हैं, जिस वजह से मैं ना तो पूजा-पाठ कर पाती हूं और ना ही धर्म और भक्ति से जुड़ा कोई कार्य कर पाती हूं।
तब ऋषि श्रृंगी ने उस स्त्री से कहा कि तुम गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना करो। ऋषि ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
2. दूसरी कथा:
एक अन्य कथा के अनुसार, एक समय की बात है, एक राजा के राज्य में भयंकर सूखा पड़ा। प्रजा भूख से व्याकुल थी। राजा ने अपने राज्य के सभी विद्वानों को बुलाया और उनसे इस समस्या का समाधान पूछा। विद्वानों ने राजा को बताया कि इस समस्या का समाधान गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से ही हो सकता है।
राजा ने विद्वानों के बताए अनुसार गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। मां दुर्गा की कृपा से राज्य में वर्षा हुई और प्रजा सुखी हुई।
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