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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 29 जनवरी 2025 (16:15 IST)

माघ माह की गुप्त नवरात्रि में किस दिन करें कौनसी देवी की पूजा, जानिए 10 महाविद्याओं का रहस्य

माघ माह की गुप्त नवरात्रि में किस दिन करें कौनसी देवी की पूजा, जानिए 10 महाविद्याओं का रहस्य - Which goddess should be worshipped on which day in the Gupt Navratri of Magh month
Magh Gupt Navratri 2025: माघ माह की नवरात्रि 30 जनवरी 2025 को प्रारंभ होगी और 7 फरवरी को समाप्त होगी। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा का खास महत्व होता है। इन 9 दिनों में 10 महाविद्याओं में से एक विद्या की साधना करने से मनचाहा परिणाम प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म में गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की गुप्त तरीके से पूजा की जाती है।
 
प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के 3 समूह हैं- पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)।
 
गुप्त नवरात्रि की देवियां:- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग अलग देवियों से हैं।
 
पहले दिन काली, दूसरे दिन तारा और त्रिपुर सुंदरी, तीसरे दिन भुवनेश्वरी, चौथे दिन छिन्नमस्ता, पांचवें दिन त्रिपुरभैरवी, छठे दिन धूमावती, सातवें दिन बगलामुखी, आठवें दिन मातंगी और नौवां दिन कमला।
सभी 10 देवियों के पूजा के मंत्र:-
काली : ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा:।
तारा : ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।
त्रिपुर सुंदरी : श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।
भुवनेश्वरी : ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।
छिन्नमस्ता : श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा:।
त्रिपुरभैरवी : ह स: हसकरी हसे।'
धूमावती : धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
बगलामुखी : ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा:।
मातंगी : श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा:।
कमला : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
माता कालिका की करें साधना:-
मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा