• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. नवरात्रि
  3. नवरात्रि पूजा
  4. Shardiya Navratri 2024
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024 (09:07 IST)

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, भोग और रंग का महत्व

जानिए किस तरह से मां की करें आराधना और प्राप्त करें आशीर्वाद

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, भोग और रंग का महत्व - Shardiya Navratri 2024
Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। माँ चंद्रघंटा शांति, साहस और शक्ति की देवी मानी जाती हैं। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र स्थित होता है, जो उनके नाम का प्रतीक है। इस दिन भक्त विशेष भोग और पूजा विधि से माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही, तीसरे दिन के लिए विशेष रंग का महत्व भी होता है, जिससे भक्त माँ की कृपा पाने की कामना करते हैं। 

माँ चंद्रघंटा को क्या भोग अर्पित करें
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा को विशेष भोग अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माँ को दूध से बनी मिठाइयाँ और खीर अत्यंत प्रिय होती हैं। इसलिए, इस दिन माँ को खीर, मलाईदार मिठाइयाँ और दूध से बनी चीज़ें भोग में चढ़ाई जाती हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। साथ ही, माँ को गुड़ या पीले रंग की मिठाइयाँ भी अर्पित की जाती हैं जो इस दिन का विशेष भोग माना जाता है। ALSO READ: कौन सा है माता का ये मंदिर, जहां सदियों से हर दिन जलता है एक शव

क्या हैं इस भोग के विशेष लाभ
माँ चंद्रघंटा को यह भोग अर्पित करने से मानसिक शांति, आत्मविश्वास में वृद्धि और जीवन के कठिन समय में साहस प्राप्त होता है। भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रद्धापूर्वक इस भोग को चढ़ाते हैं और माँ की कृपा प्राप्त करते हैं।

नवरात्रि के तीसरे दिन धारण करें कौनसे रंग के वस्त्र
नवरात्रि के तीसरे दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने का विशेष महत्व है। पीला रंग ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यह रंग न केवल माँ चंद्रघंटा को प्रिय है, बल्कि इसे धारण करने से भक्तों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

पीला रंग आत्मिक शक्ति और ध्यान की ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे पूजा में ध्यान केंद्रित होता है और साधक को माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए, भक्तजन इस दिन पीले वस्त्र धारण कर माँ की पूजा करते हैं।

क्या है पीले रंग का आध्यात्मिक महत्व
पीला रंग केवल बाहरी दिखावे के लिए नहीं, बल्कि यह आंतरिक शुद्धि और आत्मिक शांति का प्रतीक है। इसे धारण करने से मन में उत्साह और प्रसन्नता का संचार होता है, जिससे जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है।

नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा विधि और उपाय
तीसरे दिन की पूजा विधि में सबसे पहले माँ चंद्रघंटा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। माँ को पीले फूल और पीले रंग की मिठाइयाँ अर्पित करें। दूध से बनी खीर का भोग लगाएं और माँ के मंत्रों का जाप करें। इस दिन माँ चंद्रघंटा के निम्नलिखित मंत्र का जाप करना अत्यधिक शुभ माना जाता है:

नवरात्रि के तीसरे दिन इस मंत्र का करें जाप
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे”

पूजा के दौरान इस बात का रखें विशेष ध्यान
  • पूजा स्थल को साफ और शुद्ध रखें।
  • माँ चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप करते समय मन को शांत और ध्यान में केंद्रित रखें।
  • यदि संभव हो, तो गाय के दूध का उपयोग करें।
 
नवरात्रि के तीसरे दिन का क्या है महत्व
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को शौर्य, पराक्रम और साहस की प्राप्ति होती है। यह दिन जीवन की चुनौतियों से लड़ने के लिए आत्मिक शक्ति प्रदान करता है। इस दिन माँ चंद्रघंटा के चरणों में भक्ति भाव से समर्पण करने पर सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं, और माँ का आशीर्वाद सदैव भक्तों पर बना रहता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।




 
ये भी पढ़ें
Diwali date 2024: विभिन्न पंचांग, पंडित और ज्योतिषी क्या कहते हैं दिवाली की तारीख 31 अक्टूबर या 1 नवंबर 2024 को लेकर?