Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 4 जुलाई 2014 (20:18 IST)
जेल से बाहर आने के लिए छटपटा रहे हैं सुब्रत सहारा
उच्चतम न्यायालय से की 'रहम' की गुजारिश
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नई दिल्ली। सहारा प्रमुख सुब्रत राय की अंतरिम जमानत पर रिहाई के अनुरोध पर आज उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर ली और अब अपना आदेश बाद में सुनाएगा। सुनवाई के दौरान राय ने न्यायालय से ‘रहम’ दिखाने और जेल से बाहर निकलने की छूट देने का अनुरोध किया तकि नियमित जमानत के लिए दस हजार करोड़ रूपए सेबी के पास जमा कराने हेतु वह जेल से बाहर आकर संपत्तियां की बिक्री कर सकें।
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा, ‘इस मामले में अब हमें रहम की जरूरत है। वह अब तक कई महीने जेल में बिता चुके हैं और उनकी रिहाई संपत्तियों की बिक्री के लिए बातचीत के अवसर बढ़ाएगी।’
दस बीच सहारा समूह की परेशानियां आज उस वक्त और बढ़ गईं जब कि न्यायालय ने समूह के खिलाफ की गई कार्रवाई और प्रस्तावित कार्रवाई के बारे में आय कर विभाग को दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। आय कर विभाग ने न्यायालय में दावा किया था कि कंपनी पर सात हजार करोड़ रूपए का कर बकाया है।
न्यायाधीशों ने अपने आदेश में कहा कि दो कंपनियों के खिलाफ आयकर कर निर्धारण के विवरण के साथ दो सप्ताह में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी जाती है। इसमें स्पष्ट किया जाए कि अब तक क्या कार्रवाई की गई और अब क्या करना प्रस्तावित है। आय कर विभाग को इस संबंध में लंबित मामले का विवरण भी देना है।
न्यायाधीशों ने आय कर विभाग से कहा, ‘यह कहने के लिए आसान रास्ता मत चुनिए की आप न्यायालय की मदद के लिए यहां हैं। आप को कार्रवाई के लिए रणनीति बनाने की आवश्यकता है। आपको अपने अधिकार का उपयोग करना चाहिए। आपको स्वतंत्र अधिकार प्राप्त है तो फिर आप कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। आप निष्क्रियता से बाहर आइए।’ (भाषा)