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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: शनिवार, 16 सितम्बर 2023 (11:10 IST)

क्या है कोकरनाग में सेना की मुश्किल, कब खत्म होगी अनंतनाग की जंग?

army operation in anantnag
Anantnag Encounter : अनंतनाग एनकाउंटर खत्म होने का नाम नही ले रहा हैं। मंगलवार देर रात से सुरक्षा बलों के साथ शुरू हुई जंग आज चौथे दिन भी जारी थी। मात्र 3 से 4 आतंकियों से मुकाबले को 3 हजार से अधिक जवान है और अंत कहीं नजर नहीं आ रहा था।
 
इस मुठभेड़ के चौथे दिन में प्रवेश से साफ है कि आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए हैं। उनके पास गोला बारूद और खाने पीने के समान की कोई कमी नहीं हैं।
 
सुरक्षा बलों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सेना और पुलिस को इनफॉर्मर से इनपुट मिली कि कोकरनाग इलाके में गदुल में आतंकी छिपे हैं। इलाके को घेरकर तलाशी ली गई तो कुछ नहीं मिला। बस यह जानकारी मिली कि आतंकी पहाड़ी के ऊपर चोटी वाले हिस्से में है।
 
army operation in anantnag
सेना और पुलिस की टीम ने आतंकियों पर धावा बोलने का फैसला लिया। पहाड़ी पर ऊपर चढ़ने का रास्ता काफी चुनौती से भरा था। संकरा रास्ता था। एक तरफ पहाड़ व घना जंगल था तो दूसरी तरफ गहरी खाई। ऊपर से रात का अंधेरा था। आगे 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह फिर मेजर आशीष और उसके बाद पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट थे। ऊपर हाईड आउट में आतंकी सुरक्षा बलों को नीचे से ऊपर आते हुए देख सकते थे।
 
अपने गुफा के पास आते ही आतंकियों ने भारी गोलाबारी शुरू कर दी। सेना और पुलिस को संभलने का मौका नहीं मिला। रास्ता भी ऐसा था जहां चाहकर भी किसी चीज का आड़ लेकर जोरदार जवाबी कार्रवाई नही कर सकते थे। साथ मे नीचे गिरने का खतरा था।
 
जब सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी को गोली लग गई तो उनको तुरंत वहां से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। उस जगह पर जबरदस्त फायरिंग हो रही थी। ना तो हेलीकॉप्टर उतारा जा सके और ना ही घायल अधिकारियों को मेडिकल मदद मिल सकी। बहुत मुश्किल से सुबह तीनों के शव निकाला जा सका।
 
इसके बाद से सुरक्षा बलों ने आतंकियों के छुपने वाली पहाड़ी को हर तरफ से घेर लिया हैं। इजराइल से खरीदा गया हेरॉन के जरिये उस जगह पर विस्फोटक गिराया जा रहा है। रॉकेट लांचर दागा जा रहा है। स्पेशल फोर्सेज के जवान भी लगातार हमले बोल रहे हैं।
 
मुश्किल यह है कि सेना अभी तक एरिया को डोमिनेट नहीं कर पाए हैं। उस जगह की भौगोलिक सरंचना ऐसी है जहां ऑपेरशन करने में काफी दिक्कत आती है।
 
जानकारी के मुताबिक इन पहाड़ी इलाको में आतंकियों की तादाद 2-3 से कही ज़्यादा हैं। इनमें पिछले साल लश्कर तोयबा में शामिल हुआ उजैर खान भी शामिल हैं। इसको इलाके की पूरी जानकारी है जिसका फायदा आतंकी को मिल रहा हैं।
 
सुरक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार इतने दिनों तक सामान्य आतंकी सुरक्षा बलों के सामने टिक नही सकते हैं। इनकी ट्रेनिंग आला दर्जे की है और हथियार भी बेजोड़ हैं। यह भी हो सकता है इनफॉर्मर ने डबल क्रॉस कर दिया है या फिर किसी ने सुरक्षा बलों की मूवमेंट लीक कर दी हो। जो भी यह ऑपेरशन खत्म करना सुरक्षा बलों के बड़ी चुनौती बन गई हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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