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Written By निष्ठा पांडे
Last Modified: रविवार, 14 फ़रवरी 2021 (08:14 IST)

आपदा पर भारी ममता, धौली गंगा के सैलाब से रोशनी देवी ने बचाई 24 बेटों की जिंदगी

आपदा पर भारी ममता, धौली गंगा के सैलाब से रोशनी देवी ने बचाई 24 बेटों की जिंदगी - Uttarkhand : Roshani Devi saved 24 peoples
तपोवन। रोशनी देवी की ममता ने अपने बेटे की जान तो बचाई ही अपने लाल के तेईस और साथियों को भी नई जिंदगी दे दी। जब ऋषिगंगा में आया सैलाब चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा था तो तपोवन निवासी विक्रम सिंह अपने 23 साथियों के साथ तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के बैराज में काम कर रहा था।

विक्रम की मां रोशनी देवी को जब दूर से धौलीगंगा में सैलाब आता दिखा तो उन्होंने तुरंत उसे फोन कर ऊपर की ओर भागकर बचने को कहा। उसने अपने साथ काम पर मौजूद 23 साथियों को भी वहां से सुरक्षित स्थान की ओर भागने को कहा।

मां रोशनी देवी के इसी फोन की बदौलत न केवल विक्रम, बल्कि उसके 23 अन्य साथी भी सही-सलामत हैं। विक्रम केर अनुसार सुबह साढ़े दस बजे मेरे मोबाइल की घंटी बजी फोन उठाने पर दूसरी तरफ  से माँ चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी ऊपर को भाग। मैंने उनकी बात को मजाक समझ फोन काट दिया।

इस पर मां ने फिर फोन किया और रो रो कर कहने लगी नदी में ऊपर से धौला गंगा नदी में सैलाब आ रहा है तू वहां से सुरक्षित जगह को भाग जल्दी। विक्रम का घर ऊंचाई पर है वहां से उसकी मां ने धौली गंगा की जल प्रलय देख लीऔर अपने बेटे को बचा लिया।

विक्रम कहता है कि मां की यह बात सुन मैं सतर्क हो गया और तेजी से डैम की सुरक्षा दीवार पर चढ़ गया। साथ ही चिल्लाते हुए अन्य 23 साथियों को भी बैराज की पहाड़ी पर चढ़ने को कहा। बैराज की 70 मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार पर चढ़ना आसान नहीं था। फिर भी दीवार पर लगे सरियों पकड़कर जैसे-तैसे सभी ऊपर चढ़ गए और सुरक्षित स्थान पर जा पहुंचे। घर पहुंचते ही मां ने मुझे गले लगा फूट-फूटकर रोने लगीं।
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