गुस्से में उन्नाव, उठने लगी हैदराबाद की तर्ज पर एनकाउंटर की मांग...
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव मैं रेप पीड़िता की मौत की खबर जैसे ही पहुंची पूरा उन्नाव गमगीन हो गया एक अजीब सी शांति और अजीब सा सन्नाटा पीड़िता के गांव में देखने को मिल रहा था और घर के बाहर बैठे परिजन व गांव वाले गांव की बहादुर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे। गांव में सब की आंखें नम थी, सरकार के प्रति गुस्सा था तो पुलिस को लेकर पूरा गांव खफा था। जैसे-जैसे गांव की भीड़ बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे लोगों की नाराजगी साफ तौर पर दिख रही थी और सभी की जुबां पर सिर्फ और सिर्फ गांव की बहादुर बेटी को इंसाफ को लेकर था।
पूरा गांव एक सुर में हैदराबाद की तरह आरोपियों के लिए एनकाउंटर की मांग कर रहा था इसी बीच गांव वालों के साथ बैठे पीड़िता के पिता के साथ वेबदुनिया के संवाददाता भी उनके साथ बैठकर उनके दर्द को बांटने का प्रयास कर रहा था। तभी आंखों में आंसू लिए बेबस पिता वेबदुनिया के संवाददाता से बोला "बेटा अब सिर्फ न्याय चाहिए और वह भी हैदराबाद के तर्ज" पर। या तो आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दिलाओ या फिर हैदराबाद की तरह चौराहे पर इनकाउंटर कराओ। तब जाकर मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी बेटी के अंतिम शब्द अपने भाई से सिर्फ यही थे कि उसे न्याय चाहिए।
पिता के यह शब्द सुन पीड़िता के परिवार के दुख को बांटने के लिए आए आसपास के लोग की भावुक हो गए और आंखों में आंसू लिए सिर्फ एक मांग करने लगे की हैदराबाद की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी पुलिस को न्याय करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं गांव में रहने वाले लोग अब उत्तर प्रदेश सरकार से क्या मांग कर रहे हैं और किसने क्या कहा...
गांव के रहने वाले लोगों ने नाम ना छापने की बात कहते हुए कहा कि गांव के हमारे मित्र की बिटिया आज दुनिया में नहीं रही। हम अपने मित्र का दर्द बांटना चाहते हैं और उनका साथ देना चाहते हैं। सभी ने कहा कि शुरू से लेकर अंत तक अगर नजर डालें तो पुलिस विभाग की कमियां ही कमियां आपको दिखाई देगी।
घटना के बाद मुकदमा लिखाने के लिए अभी हमारे मित्र की बिटिया को चक्कर लगाने पड़े और न्याय के लिए रोजाना दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी और आखरी में न्याय तो नहीं मिला मिली तो मौत मिली। अब हम सब गांव वालों की सिर्फ एक ही इच्छा है कि सरकार को भी हैदराबाद से कुछ कुछ शिक्षा लेनी चाहिए और बेटी के साथ हुई नाइंसाफी के लिए जल्द से जल्द न्याय करना चाहिए।
अगर बिटिया को न्याय मिल गया तो कम से कम घर वालों को यह तो संतोष रहेगा उनके आंगन में खेलने वाली बिटिया का जीवन जिन लोगों ने छीना है उन्हें सजा तो मिल गई लेकिन जिस प्रकार से अपनी कानूनी प्रक्रिया है उसमें समय तो बहुत लगेगा हां अगर सरकार चाहे और पुलिस मन बना ले तो हैदराबाद जैसा इंसाफ कर बिटिया को जल्द से जल्द इंसाफ मिल सकता है।
गौरतलब है कि बिहार क्षेत्र के हिंदूनगर भाटनखेडा गांव के रहने वाले शिवम और शुभम ने 12 दिसंबर 2018 को इलाके की एक युवती को अगवा करके रायबरेली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में गैंगरेप किया था।जिसका मुकदमा रायबरेली जिले के थाना लालगंज में पंजीकृत है और रायबरेली कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
आरोपियों ने पीड़िता को रोक पहले मारपीट की और फिर मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर दिया। जब तक पीड़ित अस्पताल पहुंचती तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उसे आनन-फानन में लखनऊ से उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है जहां पर उसकी देर रात मौत हो गई।