Uddhav Thackeray's statement on Mohan Bhagwat's comment : शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को सवाल किया कि मणिपुर की स्थिति पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के बाद क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने के प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां जमीनी स्तर पर क्या बदलाव आया है? मणिपुर में पिछले साल मई से मेइती और कुकी समुदाय के बीच हिंसा जारी है। अब तक इस हिंसा में करीब 200 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि बड़े पैमाने पर हुई आगजनी की वजह से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और कई घर और सरकारी इमारतें जलकर खाक हो गई हैं।
पिछले कुछ दिनों में मणिपुर के जिरीबाम से हिंसा की ताजा घटनाओं की खबरें आईं। आरएसएस प्रमुख भागवत ने सोमवार को मणिपुर में हिंसा के एक साल बाद भी शांति स्थापित न हो पाने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि संघर्षग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर प्राथमिकता से विचार किया जाना चाहिए।
ठाकरे ने सवाल किया, मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर जल रहा है। उन्होंने कम से कम एक साल बाद यह बात कही है। क्या प्रधानमंत्री और गृहमंत्री वहां नहीं जाएंगे? मणिपुर और जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर नरेन्द्र मोदी इसे नहीं संभाल सकते तो उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आतंकवादी हमलों के लिए कौन जिम्मेदार है : ठाकरे ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर उबल रहा है। उन्होंने सवाल किया, लोगों की जानें जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के लिए कौन जिम्मेदार है? शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा, मुझे देश के भविष्य की चिंता है न कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के भविष्य की।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के डोडा और कठुआ जिलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया और छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इससे पहले रियासी जिले में रविवार शाम आतंकवादियों ने तेरयाथ गांव के पास तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए थे। शिव खोड़ी मंदिर से कटरा जा रही 53 सीटों वाली बस गोलीबारी के बाद असंतुलित हो कर गहरी खाई में गिर गई थी।
विपक्षी महाविकास आघाडी में कोई मतभेद नहीं : ठाकरे ने कहा कि आगामी विधानपरिषद चुनावों के लिए राज्य की चार सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर विपक्षी महाविकास आघाडी में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, कोई मतभेद नहीं है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) शामिल है।
ठाकरे ने कहा कि यह सच है कि (एमवीए सहयोगियों के बीच) बातचीत में ढीला रवैया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद अब ऐसा नहीं है। उद्धव ठाकरे ने बताया कि इस दौरान सभी दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है और निर्धारित समय के भीतर नामांकन भी दाखिल कर दिए गए हैं।
महाराष्ट्र विधान परिषद की चार सीट के लिए सात जून को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। इन सीटों पर 26 जून को मतदान होगा और एक जुलाई को परिणाम जारी किए जाएंगे। राज्य की चार विधान परिषद सीटों- मुंबई स्नातक, कोंकण स्नातक, मुंबई शिक्षक और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए द्विवार्षिक चुनाव होने हैं क्योंकि मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने किया दावा : कांग्रेस ने मंगलवार को ठाकरे द्वारा कोंकण स्नातक और नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवारों का 'एकतरफा' नाम ऐलान किए जाने पर नाराजगी जताई और उनका नाम वापस लेने के लिए कहा। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करते समय उन्होंने ठाकरे से बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन उस दौरान वह विदेश में थे।
पटोले के अनुसार, कांग्रेस ने नासिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संदीप गुलवे को उम्मीदवार बनाया था और इस बारे में ठाकरे को भी जानकारी दी गई थी, लेकिन बाद में बिना किसी चर्चा के गुलवे को शिवसेना (यूबीटी) में शामिल कर लिया और उन्होंने गुलवे को अपने उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour