गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
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उद्धव ठाकरे 2 साल से मुख्‍यमंत्री कार्यालय नहीं गए, ऐसे 'संकट' को दूर करने के लिए संकटमोचक को याद करना पड़ता है : नवनीत राणा

navneet rana
पिछले दिनों अमरावती से निर्दलीय सांसद और तेजतर्रार नेता नवनीत राणा की महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार से खूब ठनी। मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर यह विवाद इतना बढ़ा कि राणा पर राजद्रोह लगा दिया गया। नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जेल भी जाना पड़ा। नवनीत राणा ने अब कश्‍मीर जाकर हनुमान चालीसा पाठ करने की बात कही है। वे कहती हैं कि हनुमान चालीसा कोई मुद्दा नहीं, आस्‍था है।

तेलुगु फिल्‍मों में एक्‍ट्रेस- मॉडल से लेकर राजनीति तक का सफर करने वाली नवनीत राणा की पॉलिटिक्‍स इन दिनों हिन्‍दुत्‍व वाली नजर आ रही है। वे पीएम नरेंद्र मोदी की भी तारीफ करती रही हैं। क्‍या नवनीत राणा बीजेपी में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही हैं?

वेबदुनिया ने खासतौर से नवनीत राणा से बात की। उन्‍होंने बेबाकी से कई सवालों के जवाब दिए। पढ़िए पूरा एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू।

सवाल : हनुमान चालीसा पाठ करने के आपके फैसले से काफी बवाल हुआ, महाराष्‍ट्र में आपके और उद्धव ठाकरे के बीच ठनी, क्‍या कहेंगी आप?
जवाब :
सबसे पहली बात तो यह है कि हनुमान चालीसा कोई मुद्दा नहीं, यह आस्‍था है। दूसरी बात यह है कि महाराष्‍ट्र में उद्धव ठाकरे एक संकट हैं, जो मुख्‍यमंत्री दो-ढाई साल तक मुख्‍यमंत्री कार्यालय में जाते नहीं हैं, वो महाराष्‍ट्र के लिए संकट ही हैं, ऐसे संकट को दूर करने के लिए संकट मोचक को याद करना पड़ता है और हनुमान चालीसा का पाठ करना है।

सवाल : आप क्‍या चाहती हैं, आपकी क्‍या मांगें हैं सरकार से?
जवाब :
बहुत सारे मुद्दे हैं, किसानों के अच्‍छे दिन आना चाहिए, बेरोजगारी महाराष्‍ट्र से खत्‍म होना चाहिए, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ठीक होना चाहिए। जो मुख्‍यमंत्री दो-ढाई साल सीएम कार्यालय नहीं जाते, वो महाराष्‍ट्र को कौनसी दिशा में लेकर जाएंगे।

सवाल : हनुमान चालीसा पाठ के आपके अभियान से क्‍या हुआ?
जवाब :
हनुमान चालीसा को इन्‍होंने दूसरा रूप देकर मेरे ऊपर राजद्रोह लगा दिया, मैं तो हनुमान जी से प्रार्थना करती हूं कि हनुमान जी इन्‍हें सदबुद्धि दे भगवान और हमारी आस्‍था जाग्रत रहे। अगर हनुमान चालीसा पाठ से देशद्रोह लगता है तो बाकी लोग जो बोलते हैं उन पर देशद्रोह क्‍यों नहीं लगता है।

सवाल : आप निर्दलीय लड़कर सांसद बनीं, आपका भी हिन्‍दुत्‍व से कोई लेना- देना नहीं रहा, आपकी विचारधारा नहीं रही है तो आपने क्‍यों हिन्‍दुत्‍व का रुख किया।
जवाब :
मेरी विचारधारा क्‍या है, ये बोलने का अधिकार किसी को नहीं है। मैं हिंदू हूं और हिंदुस्‍तान में रहती हूं। ये विचार तो हमारे दिल में है। पार्टी और राजनीति से पहले हमारी आस्‍था है, हमारे भगवान हैं। अपने धर्म में आस्‍था रखना कोई राजनीति नहीं है। राजनीति आखिरी रास्‍ता नहीं है, उसके ऊपर भी हमारे भगवान हैं।

सवाल : तो क्‍या अब आपकी पॉलिटिक्‍स बदलेगी, आप भाजपा के साथ जाने वाली हैं?
जवाब :
अगर बीजेपी हिंदुओं की बात करती है, तो मुझे लगता है कि हां मैं बीजेपी के साथ हूं। अगर बीजेपी हिंदुओं के फेवर में काम करती है तो हां मैं बीजेपी के साथ खड़ी हूं। इसमें कोई संशय नहीं है।

सवाल : यह तो अप्रत्‍यक्ष बात हुई, क्‍या आधिकारिक तौर पर आप बीजेपी ज्‍वाइन करने वाली हैं?
जवाब :
देखिए, जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी देश हित में काम कर रहे हैं, जब से समझ आई है पहला प्राइम मिनिस्‍टर देखा है जो आम लोगों के लिए, गरीब तबके लिए काम करता है। मुझे लगता है मैं उनके साथ हूं। बीजेपी में जाऊंगी तो मैं बताऊंगी।

सवाल : राज ठाकरे भी मंच से कई बार आपकी तारीफ कर चुके हैं, जिस तरह से केस लगाया गया, उस पर भी उन्‍होंने आपके पक्ष में बात रखी?
जवाब :
मुझे लगता है कि राज ठाकरे जी की विचारधारा और आंदोलन अलग है, हमारा अलग है। मुझे लगता है दोनों चीजें बहुत अलग हैं।

सवाल : कश्‍मीर जाकर भी आपने हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही है, उससे क्‍या होगा?
जवाब :
जिस तरह से उद्धव ठाकरे जी ने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ना है तो उधर जाकर पढ़ो, महाराष्‍ट्र में पढ़ नहीं सकते। यहां पढ़ते हैं तो देशद्रोह लगता है। कश्‍मीर में जाकर पढूंगी, कश्‍मीर हमारे देश का अंग है। बताऊंगी उन्‍हें कब जाऊंगी कश्‍मीर और हनुमान चालीसा पढूंगी।

सवाल : नूपुर शर्मा के बयान को लेकर देशभर में विवाद चल रहा है, इस पर आप क्‍यों कहेंगी?
जवाब :
मुझे लगता है ‍कि नूपुर शर्मा ने जो कहा उसके लिए उन्‍होंने माफी मांगी है। देखिए, जो काम करता है उससे गलती हो जाती है। लेकिन पार्टी ने उन्‍हें पार्टी से निकाल दिया इतने साल काम करने के बाद तो बीजेपी ने अपनी लाइन क्‍लियर की है कि ऐसे स्‍टेटमेंट को एनकरेज नहीं किया जाएगा। देश को मैसेज दिया है बीजेपी ने कि ऐसे बयान का विरोध किया और अपने प्रवक्‍ता को पार्टी से निकाल दिया। लेकिन एक महिला होने के नाते उन्‍हें कंसीडर करना चाहिए कि गलती हुई तो उन्‍होंने माफी भी मांगी है।

सवाल : लेकिन माफी के बाद भी पार्टी ने नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की?
जवाब :
बीजेपी ने जो कार्रवाई की है वो सोच समझकर की है, उन्‍होंने लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन को ध्‍यान में रखकर किया है। देश में कोई दिक्‍कत नहीं आना चाहिए। नूपुर शर्मा का पार्टी के प्रति समर्पण अपनी जगह, लेकिन उनसे गलती हुई हालांकि उन्‍होंने माफी भी मांगी। ऐसी गलती तो विरोध पक्ष के लोग हर दिन करते हैं।

सवाल : अरविंद केजरीवाल ने कश्‍मीर फाइल्‍स की आलोचना की थी, अब वे कश्‍मीरी पंडितों के लिए बोल रहे हैं, आप भी कश्‍मीर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने वाली हैं?
जवाब :
मैंने फिल्‍म देखी नहीं है, शायद उन्‍हें लगता होगा कि कश्‍मीर फाइल गलत है, लेकिन कई लोगों के सेंटिमेंट्स फिल्‍मों से जुड़े होते हैं। हालांकि हमारे आदरणीय प्राइम मिनिस्‍टर नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से कश्‍मीर से 370 हटाई वो कश्‍मीर और कश्‍मीरी अवाम के हित में है। यह काम अगर किसी ने किया है तो वे हमारे प्रधानमंत्री मोदी हैं।
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