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Last Updated : शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 (15:17 IST)

उद्धव ने रखी मांग, MVA के CM पद के उम्मीदवार की घोषणा पहले हो

उद्धव ने रखी मांग, MVA के CM पद के उम्मीदवार की घोषणा पहले हो - Uddhav Thackeray demanded a CM candidate before the assembly elections
Uddhav Thackeray demanded: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को मुंबई में आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी के मुख्यमंत्री पद पर दावे वाले फॉर्मूले की बजाय चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर जोर दिया और कहा कि वह महा विकास आघाडी (MVA) की ओर से घोषित ऐसे किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
 
एमवीए पार्टी कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए हुए हैं तो विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र के स्वाभिमान को बचाने की लड़ाई है। महाराष्ट्र में अक्टूबर या नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं।

 
CM पद के उम्मीदवार की घोषणा पहले हो : उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला पहले किया जाना चाहिए न कि चुनाव में सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी के तर्क वाले आधार पर। ठाकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन के दौरान उनका अनुभव यह रहा कि जिसके पास संख्या होगी, उसे मुख्यमंत्री का पद मिलेगा।
 
उन्होंने इस नीति को नुकसानदेह करार दिया, क्योंकि इससे एक दल, अपने गठबंधन में बढ़त बनाए रखने के लिए दूसरे दल के उम्मीदवार को हराने की कोशिश करेगा। ठाकरे ने कहा कि पहले (मुख्यमंत्री का चेहरा) फैसला करें और फिर आगे बढ़ें लेकिन इस नीति (जिनके पास सबसे ज्यादा सीट होंगी उसे मुख्यमंत्री पद मिलेगा) के अनुसार न चलें।
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस और राकांपा (सपा) द्वारा एमवीए के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेगा। मैं अपने लिए नहीं लड़ रहा हूं बल्कि महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं। ठाकरे ने एमवीए कार्यकर्ताओं से निजी स्वार्थों से ऊपर उठने और महाराष्ट्र के गौरव और हित की रक्षा के लिए लड़ने के लिए कहा। उन्होंने उनसे राज्य में विपक्षी गठबंधन का 'दूत' बनने का भी आग्रह किया।
 
क्या मोदी ने हिंदुत्व छोड़ दिया है? : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की वकालत किए जाने पर ठाकरे ने सवाल किया कि क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया है? मोदी ने कहा था कि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।
 
ठाकरे ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या आपने हिंदुत्व छोड़ दिया है? आपने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के साथ गठबंधन किया जो हिंदुत्व में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और पूछा कि जब भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था तो इसे पारित क्यों नहीं किया गया।
 
उन्होंने कहा कि क्या आप हमारे बीच झगड़ा कराने के लिए वक्फ विधेयक लाए हैं? और यदि आपको इसे लाना ही था तो आपने बहुमत होने पर ऐसा क्यों नहीं किया? मेरे संसद सदस्य वहां नहीं थे क्योंकि वे मेरे साथ थे। अगर इस पर चर्चा होनी होती तो हमारे सांसद इसमें हिस्सा लेते।

 
ठाकरे की पार्टी को इस बात के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था कि पिछले सप्ताह लोकसभा में चर्चा के लिए आए इस विधेयक पर उसने अपने विचार नहीं रखे। विधेयक को बाद में जांच के लिए एक संसदीय समिति के पास भेज दिया गया।
 
उन्होंने अयोध्या में भूमि सौदों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह आप हमारे हिंदू मंदिरों से जमीन लेकर अपने ठेकेदार मित्रों को दे रहे हैं, उसी तरह वक्फ बोर्ड की जमीन चुराकर अपने उद्योगपति दोस्तों को देने जा रहे हैं... तो हम कोई गड़बड़ी नहीं होने देंगे। ठाकरे ने निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा करने की चुनौती भी दी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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