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Last Updated : रविवार, 28 अगस्त 2022 (16:05 IST)

Twin Towers Demolition : पल भर में ध्वस्त हुई भ्रष्‍टाचार की इमारत, दिखा मलबे का पहाड़

Twin Towers Demolition : पल भर में ध्वस्त हुई भ्रष्‍टाचार की इमारत, दिखा मलबे का पहाड़ - Twin Towers Demolition
नोएडा। नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार को गिरा दिया गया। विस्फोट के बाद मात्र 12 सेकेंड में विशाल इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई। धूल का गुबार छंटते ही दिखा मलबे का पहाड़ ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंची संरचनाएं रहीं।
 
लगभग 100 मीटर ऊंचे 2 टावरों को 3700 किलो डाइनामाइट की मदद से मात्र 12 सेकेंड में ध्वस्त कर दिया गया। दिल्ली की प्रतिष्ठित कुतुब मीनार (73 मीटर) से ऊंचे इन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया।
 
ब्लास्ट के बाद आसमान धूल से भर गया। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने दावा किया कि इस कार्रवाई के दौरान आसपास की किसी बिल्डिंग को कोई नुकसान नहीं हुआ। एडिफिस के अधिकारी ने भी कहा कि सुपरटेक के टॉवर को गिराए जाने के बाद उससे सटे एमराल्ड कोर्ट में स्थित किसी भी रिहायशी इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
 
सुपरटेक के ट्विन टॉवर को गिराए जाने के बाद एडिफिस, जेट डिमोलिशन, सीबीआरआई और नोएडा के अधिकारियों की टीम ने आसपास की इमारतों का ढांचागत विश्लेषण शुरू किया।
 
अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टावर को धराशायी करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक साल बाद यह कार्रवाई की गई है।
 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे।

दोनों टावर को गिराए जाने से पहले इनके पास स्थित 2 सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों और बिल्ली तथा कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया।
 
बताया जा रहा है कि ट्विन टावर को गिराने के बाद इसके 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा।
 
मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को 28 अगस्त को लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को सुरक्षित रूप से गिराने का कार्य सौंपा गया था। कंपनी ने इस जोखिम भरे काम के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स के साथ एक करार किया था। शीर्ष न्यायालय द्वारा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था।
 
एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमॉलिशन्स ने इससे पहले 2020 में कोच्चि (केरल) स्थित मराडू कॉम्प्लेक्स को ढहाया था, जिसमें 18 से 20 मंजिलों वाले चार आवासीय भवन थे।
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