रविवार, 29 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Terror Kashmir surrender security forces
Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , मंगलवार, 24 जुलाई 2018 (19:41 IST)

मां की पुकार सुन एक और आतंकी बेटा लौटा

मां की पुकार सुन एक और आतंकी बेटा लौटा - Terror Kashmir surrender security forces
श्रीनगर। कश्मीर में एक और आतंकी ने अपनी मां की पुकार पर हथियार डाल दिए हैं। हालांकि सुरक्षाबलों का दावा है कि उनकी अपील पर आतंक की राह पर गए एक युवक ने पुलिस के सामने मंगलवार को आत्मसमर्पण किया।
 
पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद अब उक्त आतंकी की पहचान गोपनीय रखी गई है। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं।
 
इस बारे में जानकारी देते हुए कश्मीर जोन पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा, समुदाय की मदद से एक और हिंसा का मार्ग छोड़कर अपने परिवार के पास लौट आया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादी की जानकारी गोपनीय रखी गई है।
 
पुलिस ने पिछले साल घोषणा की थी कि वह मुठभेड़ के दौरान भी स्थानीय आंतकवादियों के आत्मसमर्पण की पेशकश को मंजूर करेगी। घोषणा के बाद से कश्मीर में 21 से अधिक आंतकी हथियार छोड़ चुके हैं। अधिकतर आतंकवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने और घर लौटने की परिजनों की अपील पर आत्मसमर्पण किया है।
 
जम्मू कश्मीर पुलिस का दावा है कि अब तक करीब 21 भटके हुए युवक घर वापसी कर चुके हैं। पुलिस के डीजीपी एसपी वेद ने कहा कि नवंबर में फुटबॉलर मजीद खान की घर वापसी के बाद परिवारों की अपील युवक सुन रहे हैं और आतंक की राह छोड़कर वापस आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मार्च में भी दो युवक घर वापसी कर चुके हैं।
 
डीजीपी ने कहा कि हर घर वापसी अहम है। उन्होंने कहा कि इससे परिवार तबाह होने से बच रहे हैं। आतंकियों को घर वापस लाने में पुलिस भी अहम भूमिका निभा रही है। आतंकियों के परिवारों से अधिकारी बात कर रहे हैं और उन्हें मना रहे हैं कि वे अपने बच्चों को वापिस बुलाने के लिए अपील करें।
 
उन्होंने बताया कि जब युवक को लगता है कि उसे वापिस आना चाहिए तो वे अपने परिवार से बात करता है और हम भी उसकी पूरी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि युवक अपनी मर्जी से आतंकी बन रहे हैं या फिर आतंकवाद छोड़ रहे हैं और इसका अर्थ यह है कि उन पर किसी तरह का कोई दवाब नहीं है।
 
राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने मंगलवार एक ट्वीट के जरिये कश्मीर में एक और स्थानीय आतंकी के मुख्यधारा में लौटने की पुष्टि की थी। उन्होंने इस युवक के नाम की पुष्टि नहीं की है। राज्य पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नवंबर से अब तक 21 युवक आतंक का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौट आए हैं।
 
इन युवकों को वापस लाने में उनके परिजनों के साथ पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर प्रयास किए हैं। मुख्यधारा में लौटने वाले युवक को फिलहाल काउंसलिंग प्रदान की जा रही है। जल्द ही वह सामान्य जनजीवन में शामिल हो जाएगा।
 
गौरतलब है कि फुटबॉलर से आतंकी बने माजिद खान के वापसी करने के बाद अब तक करीब 21 के करीब आतंकियों ने आतंक के रास्ते को अलविदा कहा है। डीजीपी एसपी वैद की ओर से कई दफा इस बात को कहा गया है कि हम आतंकियों को मारने से ज्यादा उनके मुख्यधारा में वापसी कराने पर जोर दे रहे हैं।
 
यह सब सभी की पुकार के कारण हुआ है। फिलहाल पुकार, गुहार और दुआ के क्रम में सबसे बड़ा खतरा आतंकी गुटों की ओर से भी है जो अब बार-बार ऐलान करने लगे हैं कि अब किसी भी आतंकी युवा को घर लौटने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उनका कहना था कि सभी युवा अपनी मर्जी से संगठनों में शामिल हुए हैं और उनकी मांओं ने उन्हें आप कश्मीर की आजादी के आंदोलन में शिरकत की इजाजत दी है।
 
यह सच है कि कश्मीर में कई माएं अपने बेटों को पुकार रही हैं। उनके बेटे हथियार थाम आतंकवाद की राह पर कदम बढ़ा चुके हैं। दर्जनभर मांओं की पुकार रंग ला चुकी है। उनके बच्चे वापस लौट चुके हैं। करीब 21 युवाओं की घर वापसी ने अन्य को आस बंधा दी है।
 
यही कारण था कि कश्मीर में अपने खोए तथा आतंकवाद की राह पर जा चुके बेटों और पतिओं की घर वापसी के लिए गुहार लगाने और पुकारने का सिलिसिला तेज हो चुका है। व्हाट्सएप ग्रुपों पर ऐसी मांओं की पुकार के वीडियो का अंबार लगने लगा है। सबको उम्मीद है उनके बच्चे घर वापस लौटेंगे।