मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme Court
Written By
Last Modified: शनिवार, 5 जनवरी 2019 (13:00 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह से मुक्त कराए जंजीरों में कैद 22 मनोरोगी

सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह से मुक्त कराए जंजीरों में कैद 22 मनोरोगी - Supreme Court
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं की एक दरगाह में मानसिक रूप से बीमारों को रूहानी इलाज के नाम पर जंजीरों से बांधकर रखने के मामले में उच्चतम न्यायालय के सख्त रवैए के बाद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने 22 मानसिक रोगियों को मुक्त कराकर उनके परिजनों के सुपुर्द किया।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने शनिवार को यहां बताया कि उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने बदायूं के बड़े सरकार दरगाह में रूहानी इलाज के नाम मानसिक रोगियों को जंजीरों बांधने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी।

दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चततम न्यायालय ने कहा है कि रूहानी इलाज के नाम पर बीमार लोगों को जंजीर में बांधा जाना बहुत ही गलत, नृशंस एवं अमानवीय है। उनकी भी एक गरिमा और इज्जत होती है, इसलिए ऐसा करना गलत है।

न्यायाधीन एके सीकरी तथा न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी।

इस मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन और पुलिस अधीक्षक (देहात) शुक्रवार रात को अपनी टीमों के साथ दरगाह पर पहुंचे और दरगाह के पीरजादा से मुलाकात की। जंजीरों में बांधकर रखे गए 22 से ज्यादा मानसिक रोगियों को जंजीरों के बंधन से मुक्त कराया और उनके परिजनों के हवाले किया।

उप जिलाधिकारी (सदर) पारसनाथ मौर्य ने बताया कि बदायूं में बड़े सरकार की दरगाह काफी प्रसिद्ध है। इस दरगाह पर लोग मानसिक रोगियों को रूहानी इलाज के लिए आते हैं। लोगों की मान्यता है कि यहां पर लोगों को बुरी प्रेतात्माओं से छुटकारा मिलता है। मानसिक रोगियों के परिजन यह मानते हैं कि रोगी पर किसी बुरी आत्मा का साया है, इसीलिए उसको रूहानी इलाज के लिए बड़े सरकार की दरगाह पर लाया जाता है।

मौर्य ने बताया कि दरगाह के निकट बने आश्रय स्थल पर मौजूद एक महिला, एक पुरुष की निगरानी/सुपुर्दगी में रोगी के परिजन रोगियों को छोड़कर चले जाते हैं, जहां रूहानी इलाज के नाम पर उनको बेड़ियों और जंजीरों में बांधकर रखा जाता है ताकि रोगी कहीं भाग न सके और किसी पर हमला न कर दे। मानसिक रोगियों को मुक्त कराए जाने की कार्रवाई के दौरान दरगाह के लोगों ने मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया और न ही किसी तरह की कवरेज करने दी गई।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बदायूं के बड़े सरकार दरगाह में रूहानी इलाज के नाम पर 22 मानसिक रोगियों को जंजीरों से बांधकर रखा जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद उच्चतम न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया और नाराजगी जाहिर की। शासन का आदेश मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी बड़े सरकार की दरगाह पर पहुंचे।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने दरगाह के पीरजादा और धर्मगुरुओं से वार्ता कर जंजीरों से बंधे लगभग 22 मानसिक रोगियों को जंजीरों से मुक्त कराया और उनके परिजनों के सुपुर्द किया। इस विज्ञान के युग में भूत-प्रेत के कथित रूहानी इलाज पर देश की सर्वोच्च न्यायालय की सख्ती के बाद प्रशासन हरकत में आया।